उत्तर प्रदेश में ‘एक परिवार-एक पहचान’ योजना की शुरुआत: अब हर परिवार को मिलेगी यूनिक फैमिली आईडी

उत्तर प्रदेश में 'एक परिवार-एक पहचान' योजना की शुरुआत: अब हर परिवार को मिलेगी यूनिक फैमिली आईडी
उत्तर प्रदेश में ‘एक परिवार-एक पहचान’ योजना की शुरुआत: अब हर परिवार को मिलेगी यूनिक फैमिली आईडी

उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नई और क्रांतिकारी पहल शुरू की है – ‘एक परिवार-एक पहचान’ योजना, जिसके तहत राज्य के प्रत्येक परिवार को एक 12 अंकों वाली यूनिक फैमिली आईडी (Family ID) दी जाएगी। इस आईडी के ज़रिए न सिर्फ परिवार की पहचान डिजिटल रूप से तय होगी, बल्कि सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ भी सीधे, पारदर्शी और सुविधाजनक तरीके से मिल सकेगा।

इस पहल का उद्देश्य हर परिवार के सामाजिक और आर्थिक स्थिति को समझकर, उन्हें सरकार की मौजूदा और भविष्य की योजनाओं से जोड़ना है। अब किसी भी परिवार को सरकारी योजना के लिए अलग से दस्तावेज़, सत्यापन या सर्वे की जरूरत नहीं होगी – सब कुछ एक यूनिक फैमिली आईडी के ज़रिए हो सकेगा।

फैमिली आईडी: आधार की तरह नया डिजिटल पहचान पत्र

यह फैमिली आईडी एक तरह से आधार कार्ड के जैसी यूनिक पहचान संख्या होगी, लेकिन यह व्यक्ति की जगह पूरा परिवार को कवर करेगी। जैसे ही कोई परिवार इस नंबर को सरकारी पोर्टल पर दर्ज करेगा, उस परिवार के सभी सदस्यों की पूरी जानकारी सिस्टम में आ जाएगी – नाम, आयु, लिंग, सामाजिक स्थिति, योजना लाभ की पात्रता, आदि।

इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि कौन-कौन सी योजनाएं उस परिवार पर लागू होती हैं, और कौन सी योजनाएं उन्हें भविष्य में मिल सकती हैं। यह एक डिजिटल डेटा बैंक की तरह काम करेगा, जिससे न केवल जनता को लाभ मिलेगा, बल्कि प्रशासन को भी निर्णय लेने में मदद होगी।

सरकार की मंशा: पारदर्शिता और पहुंच में सुधार

यूपी सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए हर जरूरतमंद तक सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे, बिना बिचौलिए के पहुंचाना है। इससे भ्रष्टाचार और लाभार्थी चयन की पारंपरिक दिक्कतें काफी हद तक दूर होंगी।

राशन कार्ड, आधार कार्ड की निर्भरता होगी कम – अब एक फैमिली आईडी से सब कुछ संभव होगा। चाहे वो राशन की दुकान पर पहचान हो या रोजगार योजना के लिए पात्रता जांच। यह आईडी भविष्य में डिजिटल पहचान का मजबूत स्तंभ बनने वाली है।

डेटा संग्रहण: हर परिवार की पूरी जानकारी एक क्लिक पर

योजना के तहत हर परिवार की जानकारी एक सेंट्रल पोर्टल पर रिकॉर्ड की जाएगी। इससे यह जानना संभव होगा कि किसी गांव या जिले में कितने परिवार हैं, वे किन योजनाओं का लाभ ले रहे हैं और कौन अब तक वंचित है। इस डेटा की मदद से सरकार योजनाओं को और अधिक टार्गेटेड और इफेक्टिव बना सकेगी।

साथ ही, यह डेटा अधिकारियों को तुरंत और वास्तविक समय में निर्णय लेने में मदद करेगा। किसी नई योजना के तहत कितने लोगों को जोड़ना है, यह सब एक क्लिक में पता चल सकेगा।

ID जनरेशन की प्रक्रिया तेज़: रोजाना 5,000 परिवारों का लक्ष्य

जिलों में फैमिली आईडी बनाने का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है। वर्तमान में प्रतिदिन 1,500 फैमिली आईडी बनाई जा रही हैं, और सरकार ने इसे बढ़ाकर प्रतिदिन 5,000 आईडी तक ले जाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए ज़िले में 816 कर्मचारी तैनात किए गए हैं।

रोज़गार सेवक और पंचायत सचिव को गांव-गांव जाकर फैमिली आईडी बनवाने की जिम्मेदारी दी गई है। इस प्रक्रिया में हर परिवार से संबंधित जानकारी लेकर उन्हें ऑनलाइन दर्ज किया जाता है, ताकि फैमिली आईडी तुरंत जनरेट की जा सके।

फायदे जो आपको जानने चाहिए:

  • सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा
  • दस्तावेज़ों की जटिलता में कमी
  • पात्रता की जांच आसान
  • किसी भी सरकारी योजना के लिए बार-बार सर्वे की आवश्यकता नहीं
  • प्रशासन के लिए निर्णय लेना अधिक सटीक

फैमिली आईडी से कैसे बदलेगी आपकी जिंदगी?

अब सोचिए – एक ही नंबर से आप यह जान पाएंगे कि आपके परिवार को कौन-सी योजनाओं का लाभ मिल सकता है, क्या आप किसी नई योजना में पात्र हैं, और अगर आप किसी सरकारी सुविधा से वंचित हैं तो वह क्यों? यह डिजिटल सशक्तिकरण का सबसे सरल और प्रभावी रूप है, जो हर आम नागरिक के जीवन को सरल बना देगा।

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