माइग्रेन एक गंभीर सिरदर्द है जो घंटों या दिनों तक रह सकता है, जिससे चक्कर आना, मतली और धड़कते हुए दर्द जैसी असुविधा हो सकती है । तनाव, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली, नींद की कमी, हार्मोनल असंतुलन और खराब आहार जैसे कारक माइग्रेन को ट्रिगर कर सकते हैं। यदि आप अक्सर माइग्रेन से पीड़ित हैं और दवाओं के बिना प्राकृतिक राहत चाहते हैं , तो आयुर्वेद प्रभावी घरेलू उपचार प्रदान करता है जो मदद कर सकते हैं।
यहां बिना किसी दुष्प्रभाव के स्वाभाविक रूप से माइग्रेन के दर्द से राहत पाने के दो सरल और प्रभावी आयुर्वेदिक तरीके बताए गए हैं।
1. साबुत धनिया चाय
आयुर्वेद में धनिया के बीजों को उनके सूजनरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और विषहरण गुणों के लिए अत्यधिक महत्व दिया जाता है । यह चाय रक्त परिसंचरण में सुधार , तनाव को कम करने और माइग्रेन ट्रिगर्स को नियंत्रित करने में मदद करती है।
साबुत धनिया की चाय कैसे बनाएं?
सामग्री:
- 1 चम्मच धनिया बीज
- 1 कप पानी
- 1 चम्मच शहद
- ½ चम्मच नींबू का रस
तरीका:
- एक पैन में 1 कप पानी गरम करें ।
- इसमें धनिया के बीज डालें और धीमी आंच पर 5-7 मिनट तक पकने दें ।
- आंच बंद कर दें और चाय को 2-3 मिनट तक ठंडा होने दें ।
- चाय को छान लें और उसमें शहद और नींबू का रस मिलाएं ।
- सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे चाय की तरह धीरे-धीरे पियें।
साबुत धनिया चाय के लाभ:
रक्त परिसंचरण में सुधार और माइग्रेन की तीव्रता को कम करता है
तनाव और चिंता को कम करने
में मदद करता है बेहतर नींद को बढ़ावा देता है , माइग्रेन ट्रिगर्स को रोकता है
2. दालचीनी-शहद पेस्ट
दालचीनी और शहद में सूजनरोधी और दर्द निवारक गुण होते हैं जो माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद करते हैं। शहद एक प्राकृतिक एनाल्जेसिक के रूप में कार्य करता है , जबकि दालचीनी रक्त परिसंचरण में सुधार करती है और मांसपेशियों को आराम देती है ।
दालचीनी-शहद का पेस्ट कैसे बनाएं?
सामग्री:
- 1 चम्मच दालचीनी पाउडर
- 1 चम्मच शहद
तरीका:
- एक छोटे कटोरे में दालचीनी पाउडर और शहद को तब तक मिलाएं जब तक एक चिकना पेस्ट न बन जाए।
- इस पेस्ट को अपने माथे और कनपटियों पर धीरे से लगाएं ।
- इसे 15-20 मिनट तक लगा रहने दें , फिर गुनगुने पानी से धो लें।
- यदि आवश्यक हो तो बेहतर परिणाम के लिए इस पेस्ट को दिन में दो बार लगाएं।
दालचीनी-शहद पेस्ट के लाभ:
रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है , माइग्रेन के दर्द को कम करता है
मांसपेशियों को आराम देने और तनाव को कम करने
में मदद करता है तुरंत दर्द से राहत के लिए शीतलन प्रभाव प्रदान करता है
ऊर्जा के स्तर को
बढ़ाता है , माइग्रेन के प्रभाव को कम करता है
अंतिम विचार
इन सरल आयुर्वेदिक उपायों को अपनी दिनचर्या में शामिल करके , आप दवाओं पर निर्भर हुए बिना माइग्रेन के दर्द को स्वाभाविक रूप से नियंत्रित कर सकते हैं। साबुत धनिया की चाय माइग्रेन को रोकने में मदद करती है, जबकि दालचीनी-शहद का पेस्ट हमले के दौरान तुरंत राहत प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त, एक स्वस्थ जीवन शैली, उचित नींद और तनाव प्रबंधन बनाए रखने से माइग्रेन की आवृत्ति को और कम किया जा सकता है।