इंडोनेशिया में बुधवार, 5 फरवरी को तेज भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.2 थी और इसका केंद्र उत्तरी मालुकु के तट पर स्थित था। जियोफिजिक्स एजेंसी के अनुसार, भूकंप 81 किलोमीटर (50 मील) गहराई में आया, जिससे सतह पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ा। राहत की बात यह है कि इस भूकंप से किसी भी तरह की सुनामी का खतरा नहीं है।
भूकंप के झटकों से डरे लोग, घरों से बाहर निकले
भूकंप के तेज झटके महसूस होते ही स्थानीय लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि, अब तक किसी बड़े नुकसान या हताहत होने की सूचना नहीं मिली है। इंडोनेशिया की आपदा प्रबंधन एजेंसी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और संभावित आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद आने वाले झटकों) को लेकर सतर्कता बरत रही है।
‘रिंग ऑफ फायर’ में स्थित इंडोनेशिया
इंडोनेशिया एक भूकंप-प्रवण क्षेत्र में स्थित है जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। यह क्षेत्र दुनिया की उन जगहों में से एक है जहां धरती की कई टेक्टोनिक प्लेट्स मिलती हैं, जिससे यह इलाका भूकंप और ज्वालामुखी विस्फोटों के लिए बेहद संवेदनशील बना रहता है।
भूकंप के बाद सुनामी का खतरा क्यों नहीं हुआ?
इंडोनेशिया में जब भी भूकंप आता है, तो सुनामी की आशंका बनी रहती है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। इसका मुख्य कारण यह है कि भूकंप समुद्र के अंदर गहराई में आया था और इसकी ऊर्जा सतह पर ज्यादा प्रभाव नहीं डाल सकी। इस वजह से कोई बड़ी लहरें नहीं उठीं और सुनामी का खतरा टल गया।
इंडोनेशिया: दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी वाला देश
इंडोनेशिया न केवल भौगोलिक दृष्टि से महत्वपूर्ण देश है, बल्कि यह दुनिया का सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश भी है। इसके बाद पाकिस्तान और भारत का स्थान आता है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं, जिससे यहां के लोगों को हमेशा सतर्क रहना पड़ता है। हाल ही में नेपाल और तिब्बत में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की तीव्रता को मापने के लिए वैज्ञानिक सिस्मोग्राफ नामक उपकरण का उपयोग करते हैं। यह मशीन धरती के अंदर होने वाली हलचल को रिकॉर्ड करती है और कंपन के ग्राफ तैयार करती है। इन ग्राफ्स के आधार पर रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता को मापा जाता है।
रिक्टर पैमाने पर भूकंप के प्रभाव:
तीव्रता | प्रभाव |
---|---|
1.0 – 3.0 | महसूस नहीं किया जाता |
3.1 – 4.9 | हल्के झटके, नुकसान नहीं |
5.0 – 6.0 | इमारतों को हल्का नुकसान |
6.1 – 7.0 | गंभीर क्षति की संभावना |
7.1 – 8.0 | बड़े पैमाने पर तबाही |
8.1 और उससे अधिक | अत्यधिक विनाशकारी |
इंडोनेशिया में भूकंप से बचाव के प्रयास
इंडोनेशिया सरकार और स्थानीय आपदा प्रबंधन एजेंसियां भूकंप के प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न सुरक्षा उपाय अपनाती हैं:
- भूकंपरोधी इमारतों का निर्माण: सरकारी नियमों के अनुसार नई इमारतों को भूकंपरोधी तकनीक से बनाया जाता है।
- आपातकालीन प्रशिक्षण और ड्रिल: स्कूलों और दफ्तरों में नियमित रूप से भूकंप सुरक्षा अभ्यास किए जाते हैं।
- सतर्कता और जागरूकता: लोगों को भूकंप के दौरान क्या करना चाहिए और कैसे सुरक्षित रहना चाहिए, इसके बारे में जागरूक किया जाता है।