आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने विजयवाड़ा में आयोजित इफ्तार समारोह में मुस्लिम समुदाय को रमजान की शुभकामनाएं दीं और वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि टीडीपी सरकार अल्पसंख्यकों के कल्याण और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा समर्पित रही है।
विवादित आदेश को रद्द कर सुधार किया गया
मुख्यमंत्री नायडू ने सरकारी आदेश (GO) 43 से जुड़े विवाद का उल्लेख करते हुए कहा कि इस आदेश से वक्फ बोर्ड के कामकाज पर असर पड़ा था। उन्होंने स्पष्ट किया,
“GO 43 के कारण अनावश्यक विवाद खड़ा हुआ, जिससे मामला अदालत तक पहुंच गया और वक्फ बोर्ड का संचालन ठप हो गया। सत्ता में आते ही हमारी सरकार ने इसे रद्द कर वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की।”
मुस्लिम समुदाय के आर्थिक सशक्तिकरण पर जोर
नायडू ने अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2025-26 के बजट में 5,300 करोड़ रुपये आवंटित किए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि एनडीए शासन में मुस्लिम समुदाय की स्थिति और मजबूत होगी। नायडू ने टीडीपी के संस्थापक एन. टी. रामाराव के कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि पार्टी ने हमेशा मुस्लिम समुदाय के कल्याण को प्राथमिकता दी है।
हज हाउस और धार्मिक नेताओं के लिए सम्मान राशि
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हैदराबाद में हज हाउस का निर्माण टीडीपी शासन में हुआ, जबकि अमरावती में एक नया हज हाउस बनाने की योजना थी, जिसे वाईएसआर कांग्रेस सरकार की लापरवाही के कारण रोका गया।
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इमामों और मुअज्जिनों के मानदेय में वृद्धि की गई—इमामों को ₹10,000 और मुअज्जिनों को ₹5,000 प्रति माह मिलेंगे।
इफ्तार में मुस्लिम धार्मिक नेताओं के साथ भागीदारी
मुख्यमंत्री ने धार्मिक नेताओं के साथ विशेष नमाज अदा की और सामूहिक भोजन में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि टीडीपी की स्थापना से ही पार्टी का अल्पसंख्यकों के साथ गहरा जुड़ाव रहा है और वह समावेशी विकास में विश्वास रखती है।
वक्फ संशोधन विधेयक पर विवाद और मुस्लिम संगठनों का विरोध
हालांकि, कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस इफ्तार समारोह का बहिष्कार किया। ये संगठन वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर नाराज हैं और इसे अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला बता रहे हैं।
बता दें कि टीडीपी केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा है और एनडीए सरकार वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 लाने की तैयारी में है। विपक्षी दलों और कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस विधेयक का विरोध किया है। हालांकि, चंद्रबाबू नायडू ने इस बिल पर कोई स्पष्ट आपत्ति नहीं जताई है।