अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच टैरिफ पर बातचीत सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उनके इस बयान से अब यह अटकलें लगने लगी हैं कि दोनों देशों के बीच टैरिफ का मुद्दा सुलझ जाएगा और भारत को अमेरिका के जवाबी टैरिफ से मुक्ति मिल जाएगी। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं।
ट्रंप ने मोदी को अपना ‘करीबी मित्र’ बताया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर पीएम मोदी की तारीफ की है। और उन्हें एक ‘घनिष्ठ मित्र’ और ‘स्मार्ट नेता’ बताया गया है। इसके अलावा, व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने एक बार फिर दोहराया कि भारत दुनिया में सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच टैरिफ वार्ता अच्छी चल रही है। ट्रम्प अमेरिका और भारत के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता का जिक्र कर रहे थे। ये वार्ता 26 मार्च, 2025 को नई दिल्ली में शुरू हुई। जिसमें अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक टीम भारत आई। टीम 29 मार्च तक भारत में रहेगी और चर्चा करेगी। अब जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना मित्र बताया है और कहा है कि “बातचीत अच्छी चल रही है”, तो अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों देशों के बीच टैरिफ पर सहमति बन गई है।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल की प्रतिक्रिया
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने भी कहा है कि वार्ता “अच्छी तरह आगे बढ़ रही है” और द्विपक्षीय समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। यदि द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो जाता है, तो भारत 2 अप्रैल से अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले ‘पारस्परिक शुल्कों’ से मुक्त हो जाएगा। दोनों देश 2 अप्रैल की समय सीमा से पहले व्यापार सौदे पर सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं। यदि यह समझौता हो जाता है। इससे भारत-अमेरिका व्यापार को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
भारत टैरिफ़ कम कर सकता है
अमेरिका के जवाबी टैरिफ से बचने के लिए भारत ने 23 अरब डॉलर मूल्य के आयात पर टैरिफ कम करने का प्रस्ताव दिया है। भारत ने बादाम, क्रैनबेरी, पिस्ता और अखरोट जैसे अमेरिकी कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क (टैरिफ) कम करने का प्रस्ताव किया है। इसके साथ ही भारत अमेरिका से आयातित एलएनजी पर आयात शुल्क कम करने पर भी विचार कर रहा है। भारत ने हाल ही में अमेरिकी बॉर्बन व्हिस्की पर टैरिफ को 150 प्रतिशत से घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया है।
टैरिफ युद्ध का क्या प्रभाव होगा?
यदि अमेरिका भारत पर “पारस्परिक टैरिफ” नीति लागू करता है, तो इसका भारत और अमेरिका दोनों के लिए आर्थिक, व्यापारिक और सामरिक प्रभाव पड़ेगा। भारत भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिका पर टैरिफ लगा सकता है। दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध शुरू होने से भारत के निर्यात पर असर पड़ेगा। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात बाज़ार है। कुल निर्यात का 18% अकेले अमेरिका को जाता है।