अग्निसार क्रिया: बेली फैट कम करने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने की प्रभावी तकनीक

बेली फैट कम करना सबसे चुनौतीपूर्ण कामों में से एक माना जाता है। खासतौर पर महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के बाद पेट की मांसपेशियों को टाइट करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि इस दौरान मसल्स ढीली हो जाती हैं। अग्निसार क्रिया एक ऐसी ब्रीदिंग एक्सरसाइज है जो पेट की मसल्स को मजबूत करने, डाइजेशन सुधारने और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने में मदद करती है। इस योग अभ्यास से बेली फैट कम करने में तेजी आती है और पेट की मसल्स मजबूत बनती हैं। आइए जानें अग्निसार क्रिया करने का सही तरीका और इसके फायदे।

अग्निसार क्रिया करने का सही तरीका (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)

  1. सही मुद्रा में बैठें – सबसे पहले ध्यान मुद्रा (पद्मासन या सुखासन) में बैठें और पूरी तरह रिलैक्स हो जाएं।

  2. गहरी सांस लें – लंबी सांस अंदर लें और साथ ही पेट को अंदर की ओर खींचें।

  3. सांस छोड़ें और पेट खींचे रखें – धीरे-धीरे सांस बाहर निकालें, लेकिन पेट को अंदर की ओर खींचे रखें।

  4. सांस को नियंत्रित करें – दो से तीन बार सांस इनहेल और एक्सहेल करें और पेट की सारी हवा बाहर निकाल दें।

  5. पेट को अंदर-बाहर करें – सांस रोके रखें और पेट को अंदर-बाहर करने की क्रिया करें।

  6. फिर सांस छोड़ें और रिलैक्स करें – कुछ सेकंड बाद सांस छोड़ दें और सामान्य अवस्था में आ जाएं।

  7. नियमित अभ्यास करें – शुरुआत में यह अभ्यास कठिन लग सकता है, लेकिन रोजाना करने से यह आसान हो जाएगा।

अग्निसार क्रिया के फायदे

बेली फैट कम करने में मदद करता है
पेट की मांसपेशियों (स्टमक मसल्स) को टाइट करता है
मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है
पाचन तंत्र को मजबूत करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है
गट हेल्थ को सुधारता है और शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज करता है
कोर मसल्स को टोन और मजबूत बनाता है
शरीर को ऊर्जा से भरपूर बनाता है और दिनभर एक्टिव रखता है

अग्निसार क्रिया करते समय बरतें ये सावधानियां

खाली पेट ही करें – इसे हमेशा खाने के 4 घंटे बाद या सुबह खाली पेट करें।
सुबह का समय सबसे अच्छा – सुबह के वक्त सूर्य की गर्मी कम होती है, जिससे शरीर पर इसका सकारात्मक प्रभाव अधिक पड़ता है।
धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं – यह क्रिया अभ्यास से ही आती है, इसलिए जल्दीबाजी न करें और धीरे-धीरे इसे बेहतर करें।
अत्यधिक न करें – इसे जरूरत से ज्यादा करने से शरीर में कमजोरी महसूस हो सकती है, इसलिए संतुलित समय तक ही करें।
स्वास्थ्य समस्याओं में डॉक्टर से सलाह लें – ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, गर्भावस्था या किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग इसे करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।