
हिंदू धर्म में प्रत्येक तिथि का अपना एक विशेष महत्व होता है। उन्हीं में से एक है अक्षय तृतीया, जिसे वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह तिथि अत्यंत शुभ मानी जाती है और इस दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए अलग से मुहूर्त की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह तिथि स्वयं में ही सिद्ध और मंगलकारी मानी जाती है।
इस दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और कहा जाता है कि जो भी कार्य इस दिन किया जाता है, उसका फल अक्षय यानी कभी समाप्त न होने वाला होता है।
अक्षय तृतीया 2025 कब है?
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की शुरुआत
29 अप्रैल 2025 को शाम 4:29 बजे से होगी और इसका समापन
30 अप्रैल 2025 को दोपहर 3:11 बजे होगा।
उदयातिथि के अनुसार, अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025, बुधवार को मनाई जाएगी।
अक्षय तृतीया पर किए जाने वाले शुभ कार्य
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सोना-चांदी की खरीदारी
इस दिन सोना या चांदी खरीदना शुभ माना जाता है। यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। -
निवेश और नए कार्यों की शुरुआत
नया व्यापार शुरू करना, वाहन या संपत्ति खरीदना, बच्चों के लिए बचत योजना शुरू करना शुभ होता है। -
विवाह और सगाई
अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इसलिए इस दिन विवाह या सगाई जैसे संस्कार बिना विशेष मुहूर्त के भी संपन्न किए जा सकते हैं।
अक्षय तृतीया पर किन बातों से बचें
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घर को स्वच्छ और पवित्र रखें।
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शराब, तंबाकू, मांस-मदिरा जैसे नशीले और तामसिक पदार्थों से दूर रहें।
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बाल और नाखून काटने से परहेज करें, यह अशुभ माना जाता है।
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इस दिन कर्ज लेना या पैसा उधार देना टालें, यह आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
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किसी से विवाद, अपमान या क्रोध जैसी नकारात्मक भावनाओं से भी बचें। इससे मां लक्ष्मी की कृपा दूर हो सकती है।
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