अंजी खड्ड ब्रिज: भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज, इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल

अंजी खड्ड ब्रिज: भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज, इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल
अंजी खड्ड ब्रिज: भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज, इंजीनियरिंग की अद्भुत मिसाल

जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत घाटियों में अब एक नया आकर्षण जुड़ चुका है – अंजी खड्ड ब्रिज, जो भारत का पहला केबल-स्टेड रेलवे ब्रिज है। यह पुल न केवल एक अद्वितीय तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि कश्मीर घाटी की यात्रा को और भी रोमांचक और यादगार बना देगा। जब ट्रेन इस पुल से होकर गुजरेगी, तो यात्रियों को 331 मीटर (करीब 92 मंजिला इमारत) की ऊंचाई से घाटी के अद्भुत दृश्य देखने को मिलेंगे।

कटरा और रियासी को जोड़ता है अंजी खड्ड ब्रिज

यह ब्रिज कटरा और रियासी के बीच स्थित है और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

  • यह पुल कटरा-बनिहाल रेल खंड पर बना है।
  • अंजी नदी की गहरी खाई को पार करते हुए यह पुल घाटी को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है।
  • इसका सेंट्रल पायलन, जो जमीन से 193 मीटर ऊंचा है, पूरी संरचना का संतुलन बनाए रखता है और इसे सिर्फ 11 महीनों में तैयार किया गया।

तकनीक और ऊंचाई में बेमिसाल

  • अंजी खड्ड ब्रिज भारत का दूसरा सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है, पहले स्थान पर चिनाब ब्रिज है।
  • यह पुल 96 केबल्स से जुड़ा हुआ है जिनका कुल वजन 849 मीट्रिक टन है।
  • ब्रिज की कुल लंबाई 725 मीटर है और इसके निर्माण में 8,215 मीट्रिक टन स्टील का उपयोग हुआ।
  • यह पुल आधुनिक भारतीय इंजीनियरिंग और निर्माण कौशल का एक प्रतिष्ठित उदाहरण है।

सामाजिक और आर्थिक प्रभाव

  • यह पुल दूरदराज के गांवों और कस्बों को शहरों से जोड़ने का कार्य करेगा।
  • इससे स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य बुनियादी सुविधाओं की आसान पहुंच संभव होगी।
  • बेहतर कनेक्टिविटी के चलते स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
  • साथ ही पर्यटन और व्यापार को भी गति मिलेगी, जिससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा।

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