दार्जिलिंग, 16 जुलाई (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर के डोडा में आतंकियों के हमले में दार्जिलिंग के लाल बृजेश थापा के शहीद होने की खबर से परिवार में मातम पसरा हुआ है। 27 वर्षीय थापा का जन्म दार्जिलिंग के लेबॉन्ग में हुआ था। लेबॉन्ग में पैतृक घर के अलावा उनका सिलीगुड़ी में भी एक घर है। पिता भुवनेश कुमार थापा सेना में कार्यरत थे।
बृजेश ने अपनी उच्च शिक्षा मुंबई में पूरी की और वहीं से बीटेक किया। हालांकि, वह बचपन से ही अपने पिता की तरह सेना के जवान बनकर देश की सेवा करना चाहते थे। बृजेश 2019 में सेना में शामिल हुए थे। बृजेश की पहली तैनाती भारतीय सेना की 145 आर्मी एयर डिफेंस में हुई थी। फिर उन्हें अतिरिक्त रेजिमेंटल ड्यूटी के लिए जम्मू-कश्मीर के डोडा में 10 राष्ट्रीय राइफल्स में स्थानांतरित कर दिया गया। पिछले साल सितंबर में बृजेश वहां गये थे। वह इसी माह घर आने वाला थे, लेकिन वापस नहीं लौट पाए। बृजेश का शव मंगलवार को विशेष विमान से सिलीगुड़ी के बागडोगरा एयरपोर्ट लाया जाएगा। जिसके बाद बुधवार को दार्जिलिंग स्थित पैतृक गांव लेबॉन्ग ले जाया जाएगा। जहां जवान का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।