AIMIM की नजरें पश्चिम बंगाल पर, ओवैसी की पार्टी सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अब पश्चिम बंगाल की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने की तैयारी कर रही है। खबर है कि सांसद असदुद्दीन ओवैसी की अगुवाई में पार्टी अगले विधानसभा चुनाव में 100% सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है। हालांकि, साल 2021 के विधानसभा चुनाव में AIMIM ने भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन कोई खास प्रभाव नहीं डाल सकी थी।

AIMIM ने तैयारियों को दिया जोर

AIMIM के नेता मोहम्मद इमरान सोलंकी ने एनडीटीवी से बातचीत में दावा किया कि उनकी पार्टी का पश्चिम बंगाल में मजबूत जनाधार है। उन्होंने कहा,
“हमारे पास बंगाल में लगभग 3 लाख सक्रिय सदस्य हैं और सिर्फ मालदा और मुर्शीदाबाद में 2023 के पंचायत चुनाव में हमने 1.5 लाख वोट हासिल किए थे।”

उन्होंने यह भी कहा कि 2021 के विधानसभा चुनावों में पार्टी का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, लेकिन इस बार स्थिति पूरी तरह बदलने वाली है।

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AIMIM का फोकस ग्राउंड लेवल पर

सोलंकी ने आगे बताया कि उनकी पार्टी पिछले चार सालों से शांतिपूर्वक जमीनी स्तर पर काम कर रही है और अब सभी 294 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की रणनीति बना रही है।
उन्होंने कहा,
“ममता बनर्जी अब हिंदू पहचान को आगे बढ़ा रही हैं, भाजपा अपनी अलग राजनीति कर रही है, लेकिन असली नुकसान जनता का हो रहा है। बंगाल के मतदाताओं को एक मजबूत विकल्प की जरूरत है। उत्तर बंगाल और मालदा में हमारा जनाधार लगातार बढ़ रहा है।”

सदस्यता अभियान और इफ्तार पार्टियों के जरिए जनसंपर्क

AIMIM जिलों में घर-घर जाकर सदस्यता अभियान चला रही है और इफ्तार पार्टियों का आयोजन कर रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बनाई जा सके। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईद के बाद असदुद्दीन ओवैसी पश्चिम बंगाल का दौरा कर सकते हैं और चुनावी रैलियों को संबोधित कर सकते हैं।

बंगाल में मुस्लिम आबादी करीब 27% है, जो चुनावों में निर्णायक भूमिका निभा सकती है। यही कारण है कि AIMIM इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।

2021 चुनावों में AIMIM का प्रदर्शन

पिछले विधानसभा चुनाव में AIMIM ने मालदा, मुर्शीदाबाद और उत्तर दिनाजपुर जिलों में 7 उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन पार्टी को सफलता नहीं मिली। पश्चिम बंगाल में कुल 294 विधानसभा सीटें हैं, और 2021 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 213 सीटें जीती थीं।

अब देखने वाली बात होगी कि AIMIM इस बार कितनी सीटों पर असर डाल पाती है और क्या वह मुस्लिम वोटबैंक में सेंध लगा पाएगी या नहीं।