अबू क़ताल: हाफ़िज़ सईद का दाहिना हाथ अबू क़ताल पाकिस्तान में मारा गया

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जमात-उद-दावा के कमांडर और हाफिज सईद के भतीजे अबू कताल की पाकिस्तान के झेलम में हत्या कर दी गई है। वह कई आतंकवादी हमलों में शामिल था, जिनमें सबसे उल्लेखनीय 2024 रियासी आतंकवादी हमला था। यह हमला उनकी निगरानी में किया गया था। इस घटना के बाद इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

 

अज्ञात व्यक्तियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। 

नदीम को अबू कताल के नाम से भी जाना जाता है। वह जमात-उद-दावा का कमांडर और हाफिज सईद का भतीजा है और बहुत खास है। ऐसी खबरें हैं कि उनकी हत्या पाकिस्तान के झेलम में हुई। उन्हें और उनके एक साथी की मंगला बाईपास के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर गोलीबारी की, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और एक घायल हो गया।

रियासी हमले का मास्टरमाइंड

अबू कताल पीओके में बैठा था और जम्मू-कश्मीर में लगातार हमले कर रहा था। हाफिज सईद ने अबू कताल को जम्मू-कश्मीर पर बड़ा हमला करने की जिम्मेदारी सौंपी थी। हाफिज ने कताल को सेना का मुख्य परिचालन कमांडर बनाया। कताल को हाफिज से आदेश मिलते थे और फिर वह कश्मीर में बड़े हमलों को अंजाम देता था। वह 9 जून को रियासी हमले का मास्टरमाइंड था। यह मामला सेना समेत सभी सुरक्षा एजेंसियों के लिए सिरदर्द बना रहा।

 

 

 

अबू कताल किन आतंकवादी घटनाओं में शामिल था?

अबू कताल कई बड़ी आतंकवादी घटनाओं में शामिल था। वह मुंबई में हुए 26/11 हमलों में शामिल था। इसके साथ ही 9 जून 2024 को बस से लौट रहे तीर्थयात्रियों पर हुए हमले में भी अबू कताल का नाम सामने आया था। ये तीर्थयात्री जम्मू-कश्मीर के रियासी स्थित शिवखोरी मंदिर के दर्शन कर लौट रहे थे।

एनआईए के मुताबिक, 2023 के राजौरी हमले में अबू कताल की संलिप्तता भी सामने आई है। अबू कताल को एनआईए की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल किया गया था। अबू कताल लंबे समय से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजर में था। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां ​​उसकी तलाश में थीं। ऐसे में अबू कताल का मारा जाना भारत के लिए अच्छी खबर है।