मोर से भी ज़्यादा सुंदर हिमालय का ये रहस्यमयी पक्षी, देखते ही मोहित हो जाएंगे आप!

मोर से भी ज़्यादा सुंदर हिमालय का ये रहस्यमयी पक्षी, देखते ही मोहित हो जाएंगे आप!
मोर से भी ज़्यादा सुंदर हिमालय का ये रहस्यमयी पक्षी, देखते ही मोहित हो जाएंगे आप!

भारतीय हिमालय की बर्फीली और घनी वादियों में एक ऐसा पक्षी रहता है, जिसकी खूबसूरती और मनमोहक रंग किसी भी देखने वाले को मोहित कर सकते हैं। अक्सर कहा जाता है कि यह पक्षी हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर से भी ज़्यादा आकर्षक है। हम बात कर रहे हैं ‘मोनाल’ पक्षी की, जिसे हिमाचल प्रदेश का ‘राजकीय पक्षी’ (State Bird) होने का भी गौरव प्राप्त है।

मोनाल, जिसका वैज्ञानिक नाम लोफोफोरस इम्पिजनस (Lophophorus Impejanus) है, अपने इंद्रधनुषी रंगों और चमकदार पंखों के लिए जाना जाता है। नर मोनाल के शरीर पर नीले, हरे, लाल और बैंगनी जैसे विभिन्न चमकीले रंग होते हैं, जो सूर्य के प्रकाश में झिलमिलाते हैं। उसकी पूँछ के लंबे और हरे-नीले पंख उसकी सुंदरता को और बढ़ा देते हैं। यही वजह है कि इसे हिमालय का ‘जेम’ या ‘गहना’ भी कहा जाता है।

मोनाल कहाँ पाया जाता है?

मोनाल मुख्यतः हिमालयी क्षेत्र में 2,000 से 4,500 मीटर (6,500 से 14,000 फीट) की ऊँचाई पर पाया जाता है। यह उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के साथ-साथ भूटान, नेपाल और पूर्वी तिब्बत के कुछ हिस्सों में भी मिलता है। यह पक्षी ठंडी जलवायु और घने जंगलों को पसंद करता है, खासकर ओक, शंकुधारी (coniferous) और रोडोडेंड्रोन के वनों में।

संरक्षण की आवश्यकता:

अपने मनमोहक स्वरूप के बावजूद, मोनाल पक्षी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है। इसका मुख्य कारण अवैध शिकार, जलवायु परिवर्तन और इसके प्राकृतिक आवास का विनाश है। लोग इसके सुंदर पंखों और मांस के लिए इसका शिकार करते हैं, जिससे इनकी आबादी लगातार कम होती जा रही है। वन्यजीव विशेषज्ञों और संरक्षणवादियों ने इस खूबसूरत पक्षी को बचाने के लिए गंभीर कदम उठाने की अपील की है। इसे ‘कमजोर’ (Vulnerable) श्रेणी में रखा गया है और इसकी सुरक्षा के लिए कड़े कानूनों और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है।

अगर आपको कभी हिमालय में ट्रेकिंग करने या घूमने का मौका मिले, तो उम्मीद है कि आप इस रहस्यमयी और अविश्वसनीय रूप से सुंदर पक्षी ‘मोनाल’ को एक झलक देख पाएंगे, जो यकीनन आपकी यात्रा का सबसे यादगार अनुभव बन जाएगा।

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