Wonder of Indian Diplomacy: अमेरिकी प्रतिबंधों को धता बताकर कैसे रचा इतिहास

Wonder of Indian Diplomacy: अमेरिकी प्रतिबंधों को धता बताकर कैसे रचा इतिहास
Wonder of Indian Diplomacy: अमेरिकी प्रतिबंधों को धता बताकर कैसे रचा इतिहास

News India live, Digital Desk : Wonder of Indian Diplomacy: अंतरराष्ट्रीय राजनीति और व्यापार एक शतरंज के खेल की तरह हैं, जहाँ हर देश अपनी चाल चलता है। इस खेल में भारत ने एक ऐसा ‘मास्टरस्ट्रोक’ चला है, जिसने अमेरिका और चीन जैसे बड़े खिलाड़ियों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह कहानी है भारत के एक नए और क्रांतिकारी व्यापार मार्ग की, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है।

समस्या क्या थी? (The Problem)

सोचिए, समुद्र एक बहुत बड़ा हाईवे है, जिस पर जहाजों के जरिए सामान एक देश से दूसरे देश जाता है। एक बहुत ही महत्वपूर्ण समुद्री रास्ता है ‘लाल सागर’ (Red Sea), जिससे होकर भारत और यूरोप के बीच ज्यादातर व्यापार होता था। लेकिन पिछले कुछ समय से यमन के हूती विद्रोहियों ने इस रास्ते पर “लुटेरों” की तरह जहाजों पर हमले करने शुरू कर दिए। इससे यह रास्ता खतरनाक हो गया।

अब कंपनियों के पास दो ही विकल्प थे: या तो इसी खतरनाक रास्ते से जाएं या फिर अफ्रीका का पूरा चक्कर लगाकर लंबा और महंगा रास्ता अपनाएं। दोनों ही सूरतों में समय और पैसा, दोनों बर्बाद हो रहे थे।

भारत का ‘मास्टरस्ट्रोक’ – एक नया और बेहतर रास्ता!

इसी संकट के बीच भारत ने अपना तुरुप का इक्का निकाला। भारत ने सालों पहले ईरान और रूस के साथ मिलकर एक नए रास्ते पर काम करना शुरू किया था, जिसका नाम है INSTC (अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारा)। इस रास्ते का हीरो है ईरान में स्थित ‘चाबहार पोर्ट’ (Chabahar Port), जिसे भारत ने ही विकसित किया है।

यह एक ऐसा रास्ता है जो लाल सागर के संकट से पूरी तरह बचा हुआ है। इस नए रास्ते से भारत का सामान सीधे ईरान के चाबहार पोर्ट पहुंचता है और वहां से सड़क और रेल के जरिए रूस और फिर यूरोप तक पहुंच जाता है।

इस नए रास्ते के फायदे क्या हैं?

  1. बहुत तेज: यह पारंपरिक रास्ते से 30% से 40% तक तेज है। यानी जो सामान पहुंचने में 40-50 दिन लगते थे, अब वह 25-30 दिन में ही पहुंच जाएगा।

  2. काफी सस्ता: यह रास्ता लगभग 30% सस्ता भी है। इससे भारतीय कंपनियों का करोड़ों रुपया बचेगा और हमारा सामान विदेशों में और सस्ता बिकेगा।

  3. पूरी तरह सुरक्षित: यहां हूती विद्रोहियों जैसा कोई खतरा नहीं है।

अमेरिका और चीन क्यों परेशान हैं?

अब आते हैं शतरंज के असली खेल पर।

  • अमेरिका को झटका: अमेरिका ने ईरान पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगा रखे हैं। उसका मानना था कि कोई भी देश ईरान के साथ काम नहीं करेगा। लेकिन भारत ने अपनी कूटनीति के दम पर चाबहार पोर्ट के लिए अमेरिका से विशेष छूट हासिल कर ली। यह भारत की एक बड़ी जीत है और अमेरिका के लिए एक झटका, क्योंकि भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद अपना रास्ता बना लिया।

  • चीन (ड्रैगन) की नींद उड़ी: चीन अपने ‘बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव’ (BRI) के जरिए पूरी दुनिया में अपना दबदबा बनाना चाहता है। भारत का यह नया INSTC रूट, चीन के BRI को सीधी टक्कर देता है। अब दुनिया के पास चीन पर निर्भर रहने के बजाय एक नया, सस्ता और बेहतर विकल्प मौजूद है।

संक्षेप में, भारत ने न केवल एक व्यापारिक संकट का समाधान निकाला है, बल्कि दुनिया को यह भी दिखा दिया है कि वह एक स्वतंत्र और शक्तिशाली देश है, जो अपने हितों के लिए अपने रास्ते खुद बनाता है।

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