खूंटी, 21 अगस्त (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के आरक्षण में क्रीमीलेयर पर दिए गए फैसले के खिलाफ विभिन्न संगठनों द्वारा बुधवार को आहूत भारत बंद का खूंटी जिले में पूरा असर रहा। सुबह से सभी दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। यात्री और मालवाहक वाहनों का आवागमन पूरी तरह ठप रहा।
सुबह ही झामुमो और अन्य आदिवासी संगठनों से जुड़े नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और दुकानों और वाहनों को बंद करा दिया। बंद समर्थकों ने जिला मुख्यालय के नेताजी चौक, भगत सिंह चौक और टंगराटोंली के पास सड़क जाम कर दी। दो पहिया वाहनों को भी रोक दिया गया। इसके कारण आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। मिशनरीज संस्थानों से जुड़े स्कूल और कॉलेज भी बंद रहे। कुछ स्कूल सुबह में खुले, लेकिन नौ-दस बजे सभी स्कूलों में छुट्टी दे दी गई। बंद समर्थकों ने सरकारी स्कूलों को भी जबरन बंद करा दिया।
झामुमो के जिलाध्यक्ष जुबैर अहमद, मगन मंजीत तिड़ू, स्नेहलता कंडुलना सहित कई नेता बंद के समर्थन के लिए सड़कों पर उतरे। जिला मुख्यालय के अलावा तोरपा, कर्रा, रनिया, मुरहू और अड़की प्रखंड मुख्यालय के अलावा ग्रामीण इलाको में भी बंद प्रभावी रहा। भारत बंद के कारण यात्री वाहनों का परिचालन ठप होने से दिन भर सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने एक फैसले में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के बीच में ही अलग-अलग श्रेणियां बनाने की राज्य सरकारों को मंजूरी दी थी। कोर्ट ने कहा था कि आरक्षण का सबसे अधिक फायदा जरूरतमंदों को मिलना चाहिए। इस फैसले के खिलाफ दलित और आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ ने भारत बंद का ऐलान किया था। कोर्ट के इस फैसले को दलित और आदिवासियों के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया गया था। कोर्ट से इस फैसले को वापस लेने की मांग की जा रही है।