Vikrant Massey’s Heart touching Revelation: क्यों फाड़ दिए थे अस्पताल में अपने पिता के इंश्योरेंस पेपर

Vikrant Massey's Heart touching Revelation: क्यों फाड़ दिए थे अस्पताल में अपने पिता के इंश्योरेंस पेपर
Vikrant Massey’s Heart touching Revelation: क्यों फाड़ दिए थे अस्पताल में अपने पिता के इंश्योरेंस पेपर

News India Live, Digital Desk: Vikrant Massey’s heart touching Revelation: बॉलीवुड के जाने-माने और प्रतिभाशाली अभिनेता विक्रांत मैसी, जो अपनी शानदार अदाकारी के लिए अक्सर सुर्खियों में रहते हैं, उन्होंने हाल ही में अपने जीवन का एक ऐसा ‘कड़वा’ और बेहद भावनात्मक किस्सा साझा किया है, जिसने सबको भावुक कर दिया है। ये कहानी सिर्फ उनकी व्यक्तिगत नहीं, बल्कि भारतीय समाज की उस व्यवस्था पर भी एक बड़ा सवाल खड़ा करती है, जहाँ आम लोगों को बुनियादी चीज़ों के लिए भी कितना जूझना पड़ता है।

विक्रांत मैसी ने बताया कि यह घटना उनके पिता की गंभीर बीमारी के दौरान अस्पताल में हुई थी। उनके पिता की जान बचाने के लिए लाखों का खर्च आ रहा था और अस्पताल का लंबा बिल परिवार को परेशान कर रहा था। उस दौरान, जब उनकी मां अस्पताल में अपने पिता के बीमा (Insurance) संबंधी कागज़ातों और भुगतान की प्रक्रिया के लिए लंबी लाइन में खड़ी थीं, तो ये देखकर विक्रांत मैसी अंदर से बेहद आहत महसूस किया।

क्यों फाड़े थे वो कागजात? ‘मां की गरिमा’ थी वजह

विक्रांत मैसी ने कहा कि उस पल, उन्हें अपनी मां की गरिमा और मानसिक शांति उस बीमा पॉलिसी से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण लगी। उन्होंने देखा कि उनकी मां, जो पहले से ही अपने पति की सेहत को लेकर चिंतित और तनाव में थीं, एक ऐसे सिस्टम में जूझ रही थीं जहाँ उन्हें घंटों इंतजार करना पड़ रहा था और प्रक्रिया बेहद जटिल थी। इस असहनीय दृश्य को देखकर विक्रांत के सब्र का बांध टूट गया।

उन्होंने बिना कुछ सोचे-समझे, उस भावनात्मक क्षण में, अपने पिता के वो बीमा के कागज़ात वहीं अस्पताल में ही फाड़ दिए। उनका कहना था कि उस पल उन्होंने फैसला किया कि परिवार की गरिमा और मन की शांति पैसे से कहीं बढ़कर है, और इस तरह की ‘याचना’ करके किसी कीमत पर इलाज करवाना उन्हें स्वीकार नहीं था।

यह घटना सिर्फ एक व्यक्तिगत वाकया नहीं था, बल्कि इसने उन्हें जीवन की गहरी सीख दी। विक्रांत मैसी ने इस बात को खुले तौर पर स्वीकार किया है कि इस अनुभव ने उनके जीवन को एक अलग दिशा दी और शायद यही वजह है कि वे आज भी ऐसे किरदारों को चुनते हैं, जो ज़िंदगी की सच्चाइयों और इंसानी भावनाओं को बख़ूबी दिखाते हैं। यह किस्सा आज भी भारतीय समाज की उस व्यवस्था पर एक सवालिया निशान खड़ा करता है, जहाँ लोगों को ज़रूरी सेवाओं के लिए भी कई तरह की जद्दोजहद करनी पड़ती है, भले ही उन्होंने उनके लिए पैसा पहले से भरा हो।

BJP’s Big Decision: अंडमान-निकोबार की कमान अलीगढ़ के अनिल तिवारी को, जेपी नड्डा ने की घोषणा