भारत में चाय सिर्फ़ एक पेय नहीं, बल्कि एक एहसास है। सुबह की शुरुआत से लेकर शाम के सुकून तक, चाय हर पल का हिस्सा होती है।
कड़क चाय बनाने की शुरुआत सही पत्तियों के चुनाव से होती है। अगर आप एक समान स्वाद चाहते हैं, तो असम या दार्जिलिंग की काली चाय की पत्तियाँ सबसे अच्छी हैं।
चाय का बेहतरीन स्वाद पाने के लिए, पानी की मात्रा और तापमान दोनों का ध्यान रखना ज़रूरी है। शुरुआत में, पानी को तेज़ आँच पर उबालें, लेकिन चाय की पत्तियों को पूरी तरह उबलने से पहले ही डाल दें।
कई लोग पत्तियों को बहुत जल्दी डाल देते हैं, जिससे चाय का स्वाद कड़वा हो सकता है। सही तरीका यह है कि पत्तियों को पानी के हल्के गर्म होने पर डालें। फिर, दो मिनट तक उबालें ताकि पत्तियों का रंग और स्वाद पूरी तरह से विकसित हो जाए।
चाय के गाढ़ेपन का सबसे बड़ा राज़ दूध और पानी का सही अनुपात है। ज़्यादातर लोग या तो ज़रूरत से ज़्यादा दूध डालते हैं या फिर बहुत कम। सही अनुपात 60% पानी और 40% दूध है।
अगर आप ज़्यादा गाढ़ी और स्वादिष्ट चाय चाहते हैं, तो अदरक, इलायची या चाय मसाला उचित मात्रा में डालें। हालाँकि, ध्यान रखें कि इन्हें पानी की शुरुआत में डालें, दूध के बाद नहीं। इससे मसाले अच्छी तरह घुलते हैं और एक मलाईदार बनावट बनती है।
चाय को बार-बार उबालने से उसकी गुणवत्ता कम हो जाती है। स्वाद और सुगंध दोनों बरकरार रखने के लिए इसे केवल दो-तीन बार ही अच्छी तरह उबालें। ज़्यादा देर तक उबालने से झाग और कड़वाहट आ सकती है।