Victim of financial crisis in Pakistan: 25 साल बाद एक दिग्गज ग्लोबल कंपनी ने छोड़ा कारोबार

Victim of financial crisis in Pakistan: 25 साल बाद एक दिग्गज ग्लोबल कंपनी ने छोड़ा कारोबार
Victim of financial crisis in Pakistan: 25 साल बाद एक दिग्गज ग्लोबल कंपनी ने छोड़ा कारोबार

News India Live, Digital Desk: Victim of financial crisis in Pakistan:  पाकिस्तान के लिए आर्थिक मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जब से देश ने आर्थिक संकट की गम्भीर आहट सुनी है, विदेशी कंपनियों का यहां से रुख मोड़ना लगातार जारी है। अब एक और बड़ी और अहम ख़बर ने पाकिस्तान को एक और झटका दिया है – एक विश्वव्यापी दिग्गज कंपनी, जिसने पिछले करीब 25 सालों से पाकिस्तान में अपना सफल कारोबार स्थापित कर रखा था, उसने अचानक अपनी सभी व्यावसायिक गतिविधियां समेटकर पाकिस्तान छोड़ दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, इस अंतरराष्ट्रीय कंपनी के पाकिस्तान छोड़ने के पीछे कई कारण बताए जा रहे हैं, लेकिन सबसे प्रमुख वजह देश की डगमगाती अर्थव्यवस्था, बढ़ती हुई महंगाई दर, आसमान छूते टैक्स और विदेशी कंपनियों के लिए लगातार बदतर होते व्यावसायिक माहौल हैं। कंपनियों को यहां न केवल मुनाफा कमाना मुश्किल हो रहा था, बल्कि अपना संचालन जारी रखने की लागत भी बढ़ती जा रही थी, जिससे घाटा लगातार बढ़ता जा रहा था। जब स्थितियां इतनी बिगड़ गईं कि कमाई से ज़्यादा ख़र्च होने लगा और मुनाफे का कोई दूर-दूर तक अता-पता नहीं चला, तो कंपनी के पास पाकिस्तान से अपने कदम खींचने के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचा।

यह केवल एक कंपनी के जाने की बात नहीं है; यह एक बड़ा संदेश है जो उन संभावित अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के लिए है जो पाकिस्तान में कारोबार करने का सोच रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में जब एक स्थापित कंपनी लगभग ढाई दशक बाद अपने निवेश को वापस लेती है, तो यह वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक रोशनी डालता है। विशेषज्ञ इसे पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था और निवेश के प्रति बढ़ती नकारात्मकता के संकेत के रूप में देख रहे हैं।

अगर पाकिस्तान जल्द ही विदेशी निवेश को आकर्षित करने और मौजूद कंपनियों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में गंभीर कदम नहीं उठाता, तो उसे आने वाले समय में और भी ऐसी बुरी खबरों का सामना करना पड़ सकता है। यह घटना यह भी दर्शाती है कि बिना एक स्थिर और लाभकारी व्यावसायिक वातावरण के, कोई भी देश दीर्घकालिक विदेशी निवेश की उम्मीद नहीं कर सकता, फिर भले ही उसने वहां कितना भी समय बिताया हो।

Sambhal Road Accident : तेज रफ्तार बोलेरो कार हादसे का शिकार, कानून-व्यवस्था पर सवाल