UP Development Model : अयोध्या-काशी-मथुरा के बाद अब संभल की बारी, CM योगी ने खींचा विकास का पूरा रोडमैप

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News India Live, Digital Desk: उत्तर प्रदेश में आस्था और विकास का एक नया अध्याय लिखने की तैयारी हो रही है। अयोध्या में भव्य राम मंदिर, काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर और मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के कायाकल्प के बाद अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नजर संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों पर है। सीएम योगी ने साफ कर दिया है कि संभल को भी अब विकास के राष्ट्रीय मंच पर एक नई पहचान दी जाएगी।

लखनऊ में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में सीएम योगी ने अधिकारियों को संभल के विकास का पूरा 'रोडमैप' तैयार करने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक में पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम भी मौजूद थे, जो दिखाता है कि सरकार संभल को एक बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने को लेकर कितनी गंभीर है।

संभल का धार्मिक और पौराणिक महत्व

संभल सिर्फ एक साधारण जिला नहीं है, बल्कि इसका हिंदू पुराणों में विशेष महत्व है।

  • कल्कि अवतार की जन्मभूमि: पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, संभल ही वह स्थान है जहां भगवान विष्णु का दसवां और अंतिम अवतार, 'भगवान कल्कि' का जन्म होगा।
  • ऐतिहासिक मंदिर: यहां हरिहर मंदिर, चामुंडा मंदिर और चंदेश्वर महादेव मंदिर जैसे कई प्राचीन मंदिर हैं, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र हैं।
  • प्राचीन टीले और遺跡: जिले में कई प्राचीन टीले और遺跡 स्थल भी हैं, जो पुरातत्व की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण हैं।

क्या है CM योगी का 'संभल प्लान'?

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को जो निर्देश दिए हैं, उनसे साफ है कि संभल का विकास अयोध्या और काशी मॉडल की तर्ज पर किया जाएगा।

  • पर्यटन सुविधाओं का विकास: जिले के सभी धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों को बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा। श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए धर्मशाला, पार्किंग, शौचालय और खाने-पीने जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
  • प्राचीन कुंडों का सौंदर्यीकरण: जिले के प्राचीन तालाबों और कुंडों को पुनर्जीवित किया जाएगा और उनका सौंदर्यीकरण होगा, जैसा काशी और अयोध्या में किया गया है।
  • संभल को 'टूरिस्ट सर्किट' से जोड़ना: सरकार की योजना संभल को उत्तर प्रदेश के बड़े 'धार्मिक टूरिस्ट सर्किट' से जोड़ने की है, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटक यहां भी आसानी से पहुंच सकें।

इस बैठक के बाद से ही प्रशासनिक अधिकारियों ने तेजी से काम शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी समेत जिले के आला अधिकारी खुद स्थलीय निरीक्षण कर रहे हैं और विकास योजनाओं की फाइलें तैयार कर रहे हैं।

सीएम योगी का यह कदम न केवल संभल के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है, बल्कि यह उनकी उस प्रतिबद्धता को भी दिखाता है जिसके तहत वे उत्तर प्रदेश के हर उस कोने को रोशन करना चाहते हैं जो आस्था और इतिहास की धरोहर है। अब देखना यह है कि संभल का यह 'नया सवेरा' कितनी जल्दी हकीकत में बदलता है।

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