संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत ने एक बार फिर कहा कि आतंकवाद विश्व के लिए सबसे बड़ा खतरा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण से आतंकवाद को समाप्त किया जा सकता है।
इराक में, सरकार और लोग इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड द लेवांत (ISIL) आतंकवादी समूह से लड़ रहे हैं। आतंकवाद एक वैश्विक चुनौती है। आतंकवाद का खतरा तेजी से बढ़ रहा है और दुनिया का कोई भी हिस्सा इससे अछूता नहीं है। इसे रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी।
रुचिरा कंबोज ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तभी मजबूत हो सकती है जब दोषियों को सजा मिले। दुनिया के एक हिस्से में आतंकवाद पूरी दुनिया की शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है। यही कारण है कि इस अंतरराष्ट्रीय चुनौती के प्रति हमारी प्रतिक्रिया एकीकृत, समन्वित और सबसे बढ़कर प्रभावी होनी चाहिए। आतंकवाद को लेकर दोहरा मापदंड स्वीकार नहीं किया जा सकता।