गोरखपुर के ईसाई कब्रिस्तान में अनूठी प्रथा: जीवित लोग करवाते हैं भविष्य की कब्रों की बुकिंग

गोरखपुर के ईसाई कब्रिस्तान में अनूठी प्रथा: जीवित लोग करवाते हैं भविष्य की कब्रों की बुकिंग
गोरखपुर के ईसाई कब्रिस्तान में अनूठी प्रथा: जीवित लोग करवाते हैं भविष्य की कब्रों की बुकिंग

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश: गोरखपुर शहर में एक ऐसी अनोखी परंपरा देखने को मिल रही है जो अपने आप में कई सवाल खड़े करती है। शहर के पैडलेगंज क्षेत्र में स्थित एक ईसाई कब्रिस्तान, जो करीब 305 साल पुराना बताया जा रहा है, में लोग जिंदा रहते हुए ही अपने या अपने प्रियजनों के लिए कब्र की जगह पहले से ही बुक करा लेते हैं। यह प्रथा न केवल इस कब्रिस्तान को खास बनाती है बल्कि इस अनूठे चलन का कारण भी जानने योग्य है।

क्यों हो रही है एडवांस बुकिंग?

इस कब्रिस्तान में आने वाले लोग अक्सर अपनी मृत्यु से पहले ही अपनी पसंदीदा जगह पर कब्र के लिए जगह आरक्षित करवा लेते हैं। इस अनूठी परंपरा के पीछे मुख्य कारण यह है कि लोग यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उन्हें उनके प्रियजनों के पास, खासकर अपने जीवनसाथी के बगल में दफनाया जाए। कब्र के रख-रखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे लोगों का कहना है कि कई बार तो लोग अपनी कब्र खुद बनवा भी लेते हैं, ताकि मरने के बाद उनकी अंतिम इच्छा पूरी हो सके।

कब्रिस्तान का इतिहास और महत्व

यह ईसाई कब्रिस्तान करीब 305 साल पुराना है और इसमें कई अंग्रेज भी दफन हैं। यह प्रथा, जहां जीवित लोग भविष्य की कब्रों को बुक कराते हैं, ईसाई समुदाय में अक्सर देखी जाती है, खासकर उन मामलों में जहां पति-पत्नी एक-दूसरे के करीब रहना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें कब्रिस्तान प्राधिकरण से मिलकर जमीन बुक करानी पड़ती है। कभी-कभी तो पति-पत्नी को एक ही कब्र में ऊपर-नीचे भी दफनाने का चलन है। यह गोरखपुर के उस अनूठे स्थान की कहानी है जहाँ जीवन के अंत की योजनाएँ जीवित रहते ही पूरी कर ली जाती हैं।