भारत में एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) के प्रति जागरुकता तेजी से बढ़ रही है, और इस दिशा में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि एनएचआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) अब जल्द ही उन टोल प्लाजा पर ऑडिट कैमरे लगाने पर विचार कर रहा है, जो अधिक टोल कलेक्शन करते हैं। इसके बाद इन कैमरों से एकत्रित डेटा का ऑडिट कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के माध्यम से किया जाएगा।
गुरुवार को संसद में अपनी बात रखते हुए केंद्रीय मंत्री ने एआई के उपयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा की घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि हमारा उद्देश्य एआई आधारित ऑडिट के माध्यम से अमान्य या गैर-फास्टैग वाहनों से नकद कलेक्शन की प्रक्रिया को मजबूत करना है। इसके अलावा, टोल प्लाजा पर रसीदों और गुजरने वाले वाहनों की संख्या पर भी कड़ी निगरानी रखने की योजना है। यह बयान केंद्रीय मंत्री ने द्रुमक के सांसद के सवालों के जवाब में दिया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्गों पर टोल कलेक्शन से संबंधित धोखाधड़ी से निपटने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों के बारे में जानकारी दी।
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केंद्रीय मंत्री ने आगामी प्रोजेक्ट्स के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें उन्होंने बैरियर-लेस टोल प्लाजा के पायलट प्रोजेक्ट्स की घोषणा की। इसके तहत, एनएचआई ने घरौंदा, चोरयासी, नेमिली, और द्वारका एक्सप्रेस-वे पर पांच टोल प्लाजा के लिए फास्टैग और एएनपीआर (ऑटोमेटेड नंबर प्लेट रिकग्निशन) प्रणाली के लिए बोलियां आमंत्रित की हैं। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बैरियर-लेस टोल प्लाजा के क्षेत्र में प्रगति करना है, जबकि गैर-फास्टैग वाहनों के लिए ई-नोटिस की व्यवस्था की जाएगी, जिससे टोल संग्रह प्रणाली में नकद लेन-देन को धीरे-धीरे समाप्त किया जाएगा।