
News India Live, Digital Desk: Understand the New rules of Delhi: दिल्ली की हवा… हमारी सांसों पर भारी पड़ रही है। हर साल प्रदूषण का जिन्न बोतल से बाहर आ जाता है और हमारी सेहत को बिगाड़ देता है। इस प्रदूषण के कई कारण हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरानी गाड़ियां इस जहर को बढ़ाने में कितनी बड़ी भूमिका निभाती हैं? जी हां, यही वजह है कि 1 जुलाई से दिल्ली में पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर सख्त पाबंदी लगने वाली है। आइए समझते हैं कि आखिर क्यों आपकी पुरानी गाड़ी नई गाड़ी से ज्यादा धुआं छोड़ती है और इससे हमें क्या नुकसान है।
सोचिए, आखिर पुरानी गाड़ियां ही क्यों ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं?
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पुरानी टेक्नोलॉजी: पुराने वाहनों के इंजन आजकल की गाड़ियों जितने स्मार्ट नहीं होते। नए इंजन कहीं ज्यादा बेहतर तरीके से ईंधन को जलाते हैं, जिससे कम जहरीला धुआं निकलता है। पुरानी गाड़ियां ईंधन को पूरी तरह नहीं जला पातीं, और अधूरा जला हुआ ईंधन ही ज्यादा प्रदूषण करता है।
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घिसे-पिटे पुर्जे: जैसे-जैसे गाड़ी पुरानी होती जाती है, उसकी सेहत भी बिगड़ने लगती है। इंजन के पुर्जे, खास तौर पर पिस्टन रिंग और वॉल्व सील, समय के साथ घिस जाते हैं। इससे इंजन ऑयल भी जलने लगता है और धुएं के साथ हवा में घुल जाता है, जो प्रदूषण को और बढ़ाता है।
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खराब ‘कैटेलिटिक कन्वर्टर’: बहुत सी पुरानी गाड़ियों में प्रदूषण कम करने के लिए ‘कैटेलिटिक कन्वर्टर’ या तो होता ही नहीं, या फिर खराब हो चुका होता है। ये एक ऐसा उपकरण है जो धुएं में मौजूद हानिकारक गैसों को कम जहरीली गैसों में बदल देता है। जब ये ठीक से काम नहीं करता, तो गाड़ी सीधे-सीधे जहर उगलने लगती है।
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कम माइलेज, ज्यादा खपत: पुरानी गाड़ियां अक्सर कम ईंधन कुशल (कम माइलेज) होती हैं। यानी, वे उतनी ही दूरी तय करने के लिए ज्यादा पेट्रोल-डीजल पीती हैं और इस प्रक्रिया में ज्यादा प्रदूषण फैलाती हैं।
और इस धुएं का सीधा असर किस पर पड़ता है? हमारी सेहत पर!
यह प्रदूषण हमारी सांसों में जहर घोलता है, जिससे सांस की बीमारियां (जैसे अस्थमा), दिल की दिक्कतें और कैंसर तक का खतरा बढ़ जाता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए तो ये और भी खतरनाक है।
दिल्ली में 1 जुलाई से क्या बदलने वाला है?
दिल्ली सरकार प्रदूषण कम करने के लिए गंभीर है। इसलिए:
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10 साल से पुराने डीजल वाहन: अगर आपकी डीजल गाड़ी 10 साल से ज्यादा पुरानी है, तो वह 1 जुलाई से दिल्ली की सड़कों पर नहीं दिखेंगी।
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15 साल से पुराने पेट्रोल वाहन: इसी तरह, 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियां भी दिल्ली-एनसीआर की सड़कों से हट जाएंगी।
क्या होगा अगर नियम तोड़ा?
अगर आप इन नियमों को तोड़ते पाए गए तो न सिर्फ आपकी गाड़ी जब्त हो सकती है, बल्कि भारी जुर्माना भी लग सकता है।
तो अब क्या करें?
सरकार चाहती है कि लोग इलेक्ट्रिक या ग्रीन हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ियों को अपनाएं। ये गाड़ियां पर्यावरण के लिए बहुत अच्छी हैं और लंबी अवधि में आपकी जेब के लिए भी फायदेमंद हो सकती हैं।
तो साफ है, दिल्ली सरकार का ये कदम हमारी हवा को साफ करने के लिए उठाया गया है। यह सिर्फ कानून की बात नहीं, बल्कि हमारे और आने वाली पीढ़ियों के स्वास्थ्य का सवाल है। तो चलिए, अपनी हवा को स्वच्छ बनाने में हम सब मिलकर हाथ बटाएं!