डेडिकेटेड ट्रैक पर 220 किमी प्रतिघंटा स्पीड से चलेंगी ट्रेनें

जोधपुर, 13 मई (हि.स.)। अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जर्मनी के बाद भारत ऐसा देश होगा, जहां हाई स्पीड ट्रेनों के ट्रायल के लिए डेडिकेटेड ट्रैक होगा। देश के इस पहले ट्रायल ट्रैक का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। इस पर जल्द ही वंदे भारत और अन्य स्पीड ट्रेनों का 220 किमी प्रतिघंटे की स्पीड से ट्रायल किया जाएगा। ट्रैक के ट्रायल पर पास होने वाली ट्रेनों को देश में अन्य ट्रैक पर चलाया जाएगा।

उत्तर-पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल के नावा सिटी रेलवे स्टेशन के पास बनने जा रहे इस वर्ल्ड क्लास ट्रायल ट्रैक पर ट्रेनों की स्पीड के साथ ही नई टेक्निक के रेलवे पुल का भी ट्रायल होगा। इन पुल पर आते समय ट्रेन अपनी स्पीड कम नहीं करेगी और कंपन भी नहीं होगा।

अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से हो रहा काम

रेलवे नई व अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी पर काम कर रही है। ऐसे में रेलवे के नए कंपोनेंट, रोलिंग स्टॉक, सिग्नल की टेस्टिंग भी इस ट्रैक पर होगी। कुल मिलाकर हाई स्पीड, बुलेट ट्रेनों के अलावा रेलवे के अन्य आधुनिक उपकरणों की टेस्टिंग भी इस ट्रायल ट्रैक पर होगी।

ट्रैक को देश की भौगोलिक स्थिति के अनुसार तैयार किया गया है, कहीं पहाड़ तो कही मिट्टी, अंडरब्रिज-ओवरब्रिज आदि से होकर हाई स्पीड ट्रेन ट्रायल देगी।

820 करोड़ की लागत से होगा तैयार

रेलवे की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने वाले एकमात्र अनुसंधान संगठन रिसर्च एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आरडीएसओ) के महानिदेशक अजय प्रताप राणा ने उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ गुढा-ठठाणा मीठड़ी स्टेशन क्षेत्र में विकसित किए जा रहे ट्रायल ट्रैक का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान राणा ने 60 किलोमीटर लंबे ट्रायल ट्रैक के साथ-साथ बन रहे छोटे ब्रिजों व अंडर ब्रिजों का अवलोकन किया। ये ट्रायल ट्रैक 60 किलोमीटर लंबा है और करीब 820 करोड़ के बजट में इसे तैयार किया जा रहा है। ट्रायल ट्रैक के प्रथम चरण में टेस्ट ट्रैक व ब्रिजों का निर्माण और दूसरे चरण में वर्कशॉप, प्रयोगशाला व आवास बनाए जाएंगे। आरडीएसओ महानिदेशक ने इस दौरान ट्रायल ट्रैक के अब तक के निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और सभी कार्य गुणवत्ता के उच्च मानकों के अनुरूप करने के निर्देश दिए।

हाई स्पीड एक्सल लोड वैगन का भी ट्रायल

इस वर्ल्ड क्लास ट्रायल ट्रैक पर हाई स्पीड, वंदे भारत और अन्य सभी रेगुलर ट्रेनों का ट्रायल किया जा सकेगा। इसके साथ ही लोकोमोटिव और कोचों के अलावा इस ट्रैक को हाई स्पीड एक्सल लोड वैगन के ट्रायल के लिए भी प्रयोग में लाया जाएगा।