शनि जयंती के दिन शनिदोष निवारण के लिए विशेष उपाय करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसमें खासतौर पर जिनके पास पणोटी या सदासाती भी है, वे शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए व्रत और पूजा करते हैं। कहा जाता है कि शनिदेव का व्रत करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में शनि को न्याय का देवता माना जाता है क्योंकि शनि अपने कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। वहीं शनि की एक खराब दृष्टि जीवन को तबाह करने के लिए काफी है। इसलिए शनि दोष, शनि सदासाती-ढैय्या की समस्या से निजात पाने के लिए शीघ्र उपाय करने चाहिए। शनि दोष, सदासाती और ढैया व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से पीड़ित करते हैं। जातक को रोग- व्यक्ति को चारों ओर से तनाव, धन हानि, करियर में परेशानी घेरती है। अगर आप भी शनि की वजह से ऐसी किसी समस्या का सामना कर रहे हैं तो 19 मई 2023 शनि जयंती का दिन आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
शनि जयंती से मिलेगी कष्टों से मुक्ति
शनि जयंती के दिन कुछ पूजा-उपाय करके कुछ कष्टों-समस्याओं से मुक्ति पाई जा सकती है। साथ ही शुभ फल की भी प्राप्ति होती है। शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, महादशा का उपाय करने के लिए शनि जयंती का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।
शनि जयंती 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के अनुसार जेठ मास के कृष्ण पक्ष की अमास तिथि 18 मई को रात 09 बजकर 42 मिनट से शुरू होगी और 19 मई को रात 09 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार 19 मई 2023 दिन शुक्रवार को शनि जयंती मनाई जाएगी। चूंकि इस दिन शोभन योग भी बन रहा है इसलिए शनिदेव की पूजा और उपाय करने से कई गुना फल मिलेगा। शनि जयंती पर शोभन योग सुबह से शाम 06 बजकर 17 मिनट तक रहेगा।
शनि जयंती पूजा विधि
शनि जयंती पर सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन व्रत करना श्रेयस्कर रहेगा। अगर आप व्रत नहीं भी रख रहे हैं तो भी इस दिन मांसाहार, शराब का सेवन करने की गलती न करें। शनि जयंती के दिन शुद्ध भोजन करें और शुभ कर्म करें। गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करना। शनि मंदिर में जाकर तेल से शनि का अभिषेक करें। उन्हें फूल, तेल से बनी मिठाई या इमरती अर्पित करें। नीला पुष्प अर्पित करें। धूप, प्रकाश करना। शनि चालीसा पढ़ना और शनि मंत्रों का जाप करना।