भारत में ‘धूप’ का नहीं, ‘ज्ञान’ का है अभाव! खूब धूप मिलने के बावजूद क्यों इतने भारतीय हैं विटामिन D की कमी के शिकार? जानें चौकाने वाले कारण!

भारत में 'धूप' का नहीं, 'ज्ञान' का है अभाव! खूब धूप मिलने के बावजूद क्यों इतने भारतीय हैं विटामिन D की कमी के शिकार? जानें चौकाने वाले कारण!
भारत में ‘धूप’ का नहीं, ‘ज्ञान’ का है अभाव! खूब धूप मिलने के बावजूद क्यों इतने भारतीय हैं विटामिन D की कमी के शिकार? जानें चौकाने वाले कारण!

Vitamin D deficiency India: यह वाकई बड़ी अजीब बात है कि भारत जैसे देश में, जहाँ साल भर सूरज की रौशनी भरपूर रहती है, वहाँ विटामिन डी (Vitamin D) की कमी एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है। सर्वे बताते हैं कि करोड़ों भारतीय इस ज़रूरी विटामिन की कमी से जूझ रहे हैं। आखिर ऐसा क्यों है, जब हमारे पास सूरज के रूप में इसका सबसे बड़ा और प्राकृतिक स्रोत है? आइए जानते हैं इसके पीछे के कुछ चौंकाने वाले कारण:

विटामिन डी क्यों है ज़रूरी?
विटामिन डी हमारे शरीर के लिए बहुत अहम है। यह हमारी हड्डियों को मज़बूत बनाने, कैल्शियम को सोखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) को बेहतर बनाने और मूड को अच्छा रखने में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं, मांसपेशियों में दर्द हो सकता है और हम बार-बार बीमार भी पड़ सकते हैं।

धूप के बावजूद कमी के मुख्य कारण:

  1. ज़्यादातर समय घरों में या ऑफिसों में बिताना: आजकल की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, ज़्यादातर लोग अपना ज़्यादातर समय इनडोर (घर के अंदर) बिताते हैं। ऑफिस के काम हों, या घर के, हम धूप की सीधी रौशनी से दूर रहते हैं।

  2. त्वचा को ज़्यादा ढकना: भारतीय संस्कृति में या फिर प्रदूषण और गर्मी से बचने के लिए लोग अक्सर ऐसे कपड़े पहनते हैं जो शरीर के ज़्यादातर हिस्सों को ढक लेते हैं। इससे सूरज की अल्ट्रा-वायलेट (UV) किरणें त्वचा तक ठीक से नहीं पहुँच पातीं, जो विटामिन डी बनाने के लिए ज़रूरी हैं।

  3. खान-पान में कमी: हमारे रोज़मर्रा के खाने में विटामिन डी से भरपूर चीज़ें कम होती हैं। डेयरी उत्पाद, मछली या मशरूम जैसी चीज़ों का सेवन अगर कम किया जाए, तो भी शरीर में इसकी कमी हो सकती है।

  4. स्किन पिगमेंटेशन (त्वचा का रंग): जिन लोगों की त्वचा का रंग गहरा होता है (यानी जिनमें मेलेनिन ज़्यादा होता है), उनकी त्वचा धूप की UV किरणों को सोखने की क्षमता कम रखती है। इसलिए, गहरी त्वचा वाले लोगों को विटामिन डी बनाने के लिए ज़्यादा देर तक धूप में रहने की ज़रूरत होती है, जो आजकल की जीवनशैली में संभव नहीं हो पाता।

  5. सनस्क्रीन का ज़्यादा इस्तेमाल: सनस्क्रीन, त्वचा को हानिकारक UV किरणों से तो बचाता है, लेकिन यह विटामिन डी बनाने वाली UV-B किरणों को भी ब्लॉक कर देता है। अगर आप हर समय सनस्क्रीन लगाए रखते हैं, तो भी विटामिन डी की कमी हो सकती है।

  6. पेट और आंतों की समस्याएं: कुछ लोगों को पेट या आंतों से जुड़ी बीमारियां होती हैं, जिनकी वजह से वे भोजन से विटामिन डी को ठीक से सोख (absorb) नहीं पाते।

संक्षेप में कहें तो, भले ही भारत में धूप की कोई कमी नहीं है, लेकिन हमारी बदलती जीवनशैली, कपड़े पहनने का तरीका, खान-पान की आदतें और शरीर की प्राकृतिक बनावट मिलकर इस कमी का कारण बन रही हैं। इसलिए, थोड़ी सी धूप में बैठना और ज़रूरी होने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स लेना इस कमी को दूर करने के अच्छे तरीके हो सकते हैं।