2027 से पहले, औसत वैश्विक तापमान में 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी। यह डरावना खुलासा विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) ने किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि वैश्विक तापमान 2015 के पेरिस समझौते के स्तर से ऊपर उठ जाएगा, लेकिन यह वार्मिंग बढ़ जाएगी
पश्चिमी अफ्रीका से मध्य पूर्व और भारत के एटीएम में फैली गर्मी अविश्वसनीय है। पूरे भूभाग के कई क्षेत्रों में 45C प्लस (113F)। ये 3 प्रमुख क्षेत्र, जहाँ अरबों लोग रहते हैं, की पहचान 2C ग्लोबल हीटिंग की दुनिया में वस्तुतः निर्जन होने के रूप में की गई है pic.twitter.com/LBjeTqlzAa
– पीटर डायन्स (@PGDynes) 17 मई, 2023
लोगों की हालत और खराब होने वाली है। सारी दुनिया जल जाएगी। समय के साथ मौसम बदलेगा। आपदाएं होंगी। WMO ने यह खुलासा 30 साल के औसत वैश्विक तापमान के आधार पर किया है। संगठन ने कहा कि 66 प्रतिशत संभावना है कि 2027 तक वैश्विक तापमान में डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी।
ब्रिटेन के मौसम कार्यालय हैडली सेंटर में लंबी दूरी की भविष्यवाणी के प्रमुख एडम स्काइफ़ ने कहा कि अगले चार से पांच वर्षों में गर्मी का ऐतिहासिक रिकॉर्ड स्तर देखने को मिलेगा। तापमान डेढ़ डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाएगा। पिछले साल की रिपोर्ट में ऐसा होने की 50-50 संभावना थी। लेकिन दोबारा की गई स्टडी के मुताबिक यह अब 66 फीसदी है। जिस डरावनी रिपोर्ट में यह बात सामने आई है उसे ग्लोबल एनुअल टू डेकाडल क्लाइमेट यूपीटीडी कहा जाता है।