मुंबई: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने उस जगह पर क्रैश कुशन या क्रैश एट्यूटेटर लगाया है, जहां व्यवसायी साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटनाग्रस्त हुई थी। एक तरफ जहां वाहन चालक पर तेज गति से कार चलाने का मामला दर्ज किया गया है, वहीं एनएचएआई का यह कदम उनकी डिजाइन में खामी को दर्शाता है।
गौरतलब है कि जब वाहन किसी ढांचे से टकराता है तो क्रैश कुशन उसे नुकसान से बचाता है और उसमें बैठे यात्रियों की जान भी बचा सकता है। ये कुशन प्रभाव को अवशोषित करते हैं और घायल वाहन को नुकसान के रास्ते से बाहर रखते हैं।
4 सितंबर को टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार का चरोती दहानू के पास एक्सीडेंट हो गया था. सूर्या नदी के पुल पर संकरी सड़क पर दुर्घटना में सीट बेल्ट नहीं लगाने वाले दो यात्रियों की मौत हो गई।
दुर्घटना की जांच पुलिस, आरटीओ के साथ-साथ मर्सिडीज वाहन निर्माता और कई अन्य एजेंसियों द्वारा की गई थी।
5 नवंबर को कासा थाने में चालक डॉ. अनाहिता पंडोले के खिलाफ तेज गति, लापरवाही और गलत दिशा में गाड़ी चलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।
सड़क पुल की शुरुआत में संकरी है और इसमें कोई सुरक्षा चेतावनी या क्रैश गार्ड नहीं है।
एनएचएआई देश के अन्य नदी पुलों पर भी ऐसे सुरक्षा उपकरण लगाने की योजना बना रहा है।