
बिहार महिला खिलाड़ियों के सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाने जा रहा है। खेल प्राधिकरण द्वारा जल्द ही “बिहार खिलाड़ी स्वास्थ्य एवं कल्याण नीति-2025” लागू की जाएगी, जिससे बिहार देश का पहला ऐसा राज्य बन जाएगा जहाँ महिला एथलीटों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इस नीति का मुख्य उद्देश्य महिला खिलाड़ियों को स्वस्थ रखते हुए उन्हें उच्च प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करना है।
इस नीति के तहत, अब राष्ट्रीय स्तर की किसी भी खेल प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले सभी महिला खिलाड़ियों का विस्तृत मेडिकल चेकअप और डॉपिंग टेस्ट (नशे या शक्तिवर्धक दवाइयों का परीक्षण) कराना अनिवार्य होगा। यह जांच खेलो इंडिया या किसी भी राष्ट्रीय खेल प्रतिस्पर्धा में बिहार का प्रतिनिधित्व करने से पहले आवश्यक होगी। इस परीक्षण में लड़कियों के शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी विभिन्न समस्याओं, हार्मोनल असंतुलन और किसी भी संभावित आंतरिक बीमारी की जांच की जाएगी, जो उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है या भविष्य में उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकती है।
खास बात यह है कि ये सभी मेडिकल परीक्षण पूरी तरह से मुफ्त होंगे। सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि हर स्तर पर खेल से जुड़ी महिला खिलाड़ियों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें। मेडिकल टेस्ट का जिम्मा ‘सेंटर फॉर एक्सीलेंस’ को सौंपा गया है, जो एक विशेषज्ञ मेडिकल टीम के साथ मिलकर कार्य करेगा। जरूरत पड़ने पर बाहर से भी डॉक्टर और विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे ताकि सटीक और प्रभावी जांच सुनिश्चित हो सके।
यह नीति बिहार के खेल इतिहास में एक मील का पत्थर साबित होगी। यह महिला खिलाड़ियों को खेल के मैदान में बिना किसी चिंता के अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए एक सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करेगी। साथ ही, यह अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल पेश करेगी कि कैसे महिला एथलीटों के समग्र कल्याण को प्राथमिकता दी जाए। खेल प्राधिकरण को उम्मीद है कि इस नीति से बिहार की महिला खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम रोशन करेंगी।