
दिल्ली और मेरठ के बीच हर रोज सफर करने वाले लाखों लोगों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है। जिस रैपिड रेल का सालों से इंतजार हो रहा था, वह अब हकीकत बनने के बेहद करीब है। देश की पहली रैपिड रेल यानी ‘नमो भारत’ ट्रेन ने दिल्ली से मेरठ तक के पूरे 82 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर पर अपना आखिरी ट्रायल रन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
क्या मतलब है इस ट्रायल रन का?
इसका सीधा मतलब है कि अब यह पूरी लाइन आम जनता के लिए खुलने के लिए लगभग तैयार है। सोचिए, जो सफर अभी ट्रैफिक जाम और भीड़ के कारण 2 से 3 घंटे ले लेता है, वह अब एयर-कंडीशंड आराम के साथ सिर्फ 55 मिनट में पूरा हो जाएगा! यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
रफ्तार का नया बादशाह:
यह कोई मामूली ट्रेन नहीं है। ‘नमो भारत’ ट्रेन को 180 किलोमीटर प्रति घंटे की टॉप स्पीड से दौड़ने के लिए डिजाइन किया गया है, जो इसे भारत की सबसे तेज ट्रेनों में से एक बनाती है।
अब तक क्या हुआ है?
इस प्रोजेक्ट का एक 34 किलोमीटर का हिस्सा (गाजियाबाद में साहिबाबाद से मोदी नगर नॉर्थ तक) पहले से ही आम जनता के लिए चल रहा है और लोगों को इसका खूब फायदा भी मिल रहा है। हाल ही में, दुहाई से लेकर मेरठ साउथ स्टेशन तक के आखिरी हिस्से का भी ट्रायल पूरा कर लिया गया, जिससे पूरी लाइन को जोड़ने का काम संपन्न हो गया है।
आगे क्या होगा?
इस सफल ट्रायल के बाद, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) अब कमिश्नर ऑफ मेट्रो रेल सेफ्टी (CMRS) से मंजूरी लेगा। मंजूरी मिलते ही, दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ का पूरा 82 किलोमीटर का यह सफर आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट न सिर्फ छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और व्यापारियों का कीमती समय बचाएगा, बल्कि पूरे एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण को कम करने और विकास को एक नई रफ्तार देने में भी मदद करेगा।