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उत्तर प्रदेश

जिलाधिकारी की नसीहत, भूगर्भ जल का अति दोहन बर्दाश्त नहीं

neha maurya
Published August 2, 2022
Last updated: 2022/08/02 at 3:04 PM
2 Min Read
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झांसी,02 अगस्त (हि.स.)। जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने जिले में भूमिगत जल संरक्षित व नियंत्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का प्रबंधन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में नसीहत दी कि किसी भी कीमत पर भूगर्भ जल का दोहन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 के अन्तर्गत राज्य में भूमिगत जल संरक्षित, नियंत्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिए विशेष रूप से भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया। सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निर्ष्कषण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) व पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है।

जिलाधिकारी ने समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक अवसंरचनात्मक, आरओ प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं (अधिष्ठान यथा होटलों, लॉज, आवासीय कालोनियों, निजी कालोनियों, निजी चिकित्सालयों, कारोबार प्रक्षेत्रों, मॉल, वाटर पार्क आदि) सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ता को इस नोटिस के माध्यम से सूचित किया कि ऑनलाइन पोर्टल निवेश मित्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल विभाग को भूगर्भ जल प्रयोग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पंजीकरण के लिए तत्काल आवेदन करें।

उन्होंने बताया कि भूगर्भ अधिनियम-2019 की धारा 39 के अन्तर्गत बिना पंजीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने पय दोषी पाए गए व्यक्ति, समूह व संस्था को 02 से 05 लाख का जुर्माना अथवा 06 माह से 01 वर्ष तक कारावास अथवा दोनों दण्ड निर्धारित किए गए हैं। इस श्रेणी के उपभोक्ता तत्काल आवेदन कर पंजीकरण व अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें। आवेदन से सम्बंधित किसी भी अन्य जानकारी के लिए www.upgwdonline.in अथवा जिला नोडल अधिकारी सहायक अभियन्ता भूगर्भ जल विभाग खण्ड से सम्पर्क कर सकते हैं।

neha maurya August 2, 2022
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