लखनऊ : लखनऊ के रमणीय स्थलों में अम्बेडकर स्मारक पार्क की उपस्थिति दर्ज होती है। इस पार्क में हाथी देखने के लिए पूरे भारत से लोग आते हैं। आज-कल अम्बेडकर पार्क में हाथी की मूर्तियों की चमक बढ़ायी जा रही है। गर्मियों के दिनों में शाम के वक्त पार्क में हजारों लोगों का पहुंचना हो रहा है। यह संख्या स्कूलों की छुट्टियों के चलते और अधिक हो गइ है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के स्मारक समिति की देखरेख में अम्बेडकर स्मारक पार्क का रख-रखाव किया जाता है। स्मारक समिति ही पार्क में लगी हाथियों की मूर्तियों के स्वच्छता का कार्य आजकल करा रहा है। स्मारक समिति के प्रभारी यमन हफीज ने हिन्दुस्थान समाचार को बताया कि वर्तमान समय में प्रतिदिन हाथियों को चमकाने का कार्य किया जा रहा है। जिन हाथियों की मूर्तियां टूट-फूट गयी थी, उन्हें राजकीय निर्माण निगम की मदद से मरम्मत कराया जा रहा है। कुछ मूर्तियों की मरम्मत हो गयी हैं, कुछ की बाकी बची हैं उन्हें भी दो तीन माह में पूरा करा लिया जायेगा।
उन्होंने कहा कि अम्बेडकर पार्क में कुल 78 हाथी की मूर्तियां लगी हुई हैं। जिसमें श्रृंखला में दिखने वाली हाथी की मूर्तियों की संख्या 60 है। इस पार्क में हाथी की मूर्तियां आकर्षण का केन्द्र है। जिसे देखने के लिए लखनऊ और बाहर के जनपदों से भी लोग आते हैं। इस दौरान कुछ लोग हाथी की मूर्तियों को छूते हैं तो उस पर पड़े निशान को सफाई के दौरान साफ कर दिया जाता है।
अम्बेडकर पार्क में अपने परिवार के साथ पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता अमित कुमार अग्रवाल ने बताया कि लखनऊ में परिवार के साथ घूमने वाली जगहों में अम्बेडकर पार्क एक बेहतरीन स्थान है। यहां बच्चों को आना बेहद पसंद है। यह पार्क रमणीय स्थल भी है। यहां की खूबसूरती हमें यहां तक खींच कर लाती है।
उन्होंने बताया कि वह एक कम्पनी के कर्मचारी है, जिसके कारण रविवार को छुट्टी मिलती है। जिसमें परिवार के साथ कहीं आया जाया जाता है। ज्यादातर फिल्म देखने का कार्यक्रम बनता है, इन दिनों कोई खास फिल्म नहीं आने के कारण वे अम्बेडकर पार्क घूमने आ गये। उनके परिवार ने हाथियों के साथ फोटो भी खिंचवाई है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की स्मारक समिति के सदस्य सचिव डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी है, जो वर्तमान में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भी हैं। डा. इन्द्रमणि त्रिपाठी भी स्मारक समिति की बैठक में अम्बेडकर स्मारक पार्क की चर्चा करते हैं और उसकी स्वच्छता को बनाये रखने के लिए संकेत करते रहते हैं।