
News India Live, Digital Desk: Tenant Rights : भारत में रोजगार की तलाश में शहर आने वाले अधिकतर लोग किराये के घरों में रहते हैं। आमतौर पर अपनी आवश्यकताओं के अनुसार एक, दो या तीन कमरों का फ्लैट किराये पर लिया जाता है। मकान मालिक और किरायेदार के बीच एक रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) बनता है, जिसमें दोनों पक्षों की सहमति से नियम और शर्तें निर्धारित होती हैं।
यह रेंट एग्रीमेंट किरायेदार (Tenant Rights) को मकान मालिक की मनमानी से बचाता है। सरकार ने किरायेदारों के हितों की रक्षा के लिए कई नियम बनाए हैं, जिनके तहत मकान मालिक बिना उचित कारण के किरायेदार को निकाल नहीं सकता।
कई शहरों में किरायेदारों को मकान मालिकों द्वारा अचानक घर खाली कराने के नोटिस भेजने की समस्या आम है। ऐसी स्थिति में सरकार के बनाए बेदखली नियम (Illegal Eviction Laws) किरायेदारों की मदद करते हैं। इन नियमों को समझना जरूरी है ताकि किरायेदार खुद को सुरक्षित रख सकें।
किन कारणों से नहीं करा सकते घर खाली
रिपोर्ट के मुताबिक, कोई मकान मालिक किरायेदार को केवल इसलिए नहीं निकाल सकता कि वह अव्यवस्थित है या ज्यादा मिलनसार नहीं है। कानून दोनों पक्षों को स्पष्ट रूप से बाध्य करता है, जिससे अनुचित बेदखली (Unjust Eviction) से बचा जा सके।
अनुचित बेदखली के खिलाफ सुरक्षा
हर राज्य सरकार के किराया कानूनों (Tenancy Laws) में ऐसी धाराएं मौजूद हैं जो किरायेदारों की सुरक्षा सुनिश्चित करती हैं। यदि बेदखली का नोटिस अनुचित हो, तो किरायेदार इन प्रावधानों के तहत कानूनी सुरक्षा मांग सकते हैं।
घर खाली न करने का अधिकार
यदि किरायेदार समझौते की सभी शर्तों का पालन करता है और किराया नियमित रूप से भुगतान करता है, तो सरकार उसे बेदखली से सुरक्षा प्रदान करती है। ऐसे मामलों में अगर बेदखली का कारण अनुचित लगे तो किरायेदार पुलिस में शिकायत (Police Complaint) दर्ज करा सकता है।
बेदखली कानून (Eviction Law) के अनुसार, यदि किरायेदार नियमित तौर पर किराया चुका रहा है, तो मकान मालिक कम से कम पांच साल तक बिना वैध कारण के घर खाली नहीं करा सकता।
वैध आधार होना जरूरी
अगर मकान मालिक स्वयं के इस्तेमाल के लिए घर खाली कराना चाहता है तो यह कारण कानूनी रूप से वैध (Valid Reason for Eviction) होना चाहिए। तभी मकान मालिक किरायेदार को घर खाली करने के लिए कह सकता है।