मां की आरती में एक पंक्ति आती है, जिसके बोल में कहा जाता है कि पूत कपूत सुने बहुतेरे माता ना सुनी कुमाता, लेकिन एमपी में एक मां की क्रूरता का रूप देखने को मिली है, जहां एक कलयुगी मां ने अपनी ही जन्मी बच्ची को दूध पिलाने से इनकार …
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