तत्काल टिकट के कालाबाजारियों पर सर्जिकल स्ट्राइक नई टेक्नोलॉजी से रेलवे ने ऐसे पकड़ा फर्जीवाड़ा

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News India Live, Digital Desk : हम और आप जब भी कहीं जाने का प्लान बनाते हैं, तो सबसे बड़ा सिरदर्द क्या होता है? जी हाँ, "कन्फर्म टिकट" (Confirmed Ticket) मिलना। और अगर इमरजेंसी में जाना हो, तो 'तत्काल टिकट' (Tatkal Ticket) बुक करना किसी जंग लड़ने से कम नहीं होता।

अक्सर ऐसा होता है कि सुबह 10 बजे या 11 बजे जैसे ही बुकिंग शुरू होती है, 1-2 मिनट के अंदर सारी सीटें फुल हो जाती हैं। हम सोचते रह जाते हैं कि "यार, इतनी जल्दी उंगलियां कैसे चल सकती हैं?" दरअसल, इसके पीछे हमारा धीमा इंटरनेट नहीं, बल्कि 'टिकट दलालों' का खेल होता है।

लेकिन दोस्तों, अब रेलवे ने इस खेल को खत्म करने की ठान ली है। भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने एक ऐसा कड़ा एक्शन लिया है जिससे दलालों की दुकानें बंद होने वाली हैं और आम आदमी के चेहरे पर मुस्कान आने वाली है।

आइए, आसान भाषा में समझते हैं कि रेलवे ने क्या किया है और इसका फायदा आपको कैसे मिलेगा।

लाखों संदिग्ध (Suspicious) आईडी हुई बंद

रेलवे ने एक विशेष अभियान चलाकर IRCTC की उन हज़ारों यूज़र आईडी (User IDs) को डीएक्टिवेट (Deactivate) या बंद कर दिया है, जो संदिग्ध लग रही थीं।
रेलवे का कहना है कि बहुत से लोग पर्सनल आईडी (Personal ID) बनाकर उसका इस्तेमाल बिजनेस के लिए कर रहे थे। यानी वो पर्सनल कोटे से टिकट बुक करके उसे बाहर महंगे दामों में बेचते थे। रेलवे ने ऐसी आईडी की पहचान की और उन्हें हमेशा के लिए ब्लॉक कर दिया।

नई टेक्नोलॉजी का कमाल (AI और डेटा का जासूस)

अब आप सोचेंगे कि रेलवे को पता कैसे चला?
इसके लिए रेलवे ने नई और हाई-टेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया है। अब सिस्टम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स लगाया गया है।
यह सिस्टम खुद पकड़ लेता है कि:

  • कौन सी आईडी से हद से ज्यादा टिकट बुक हो रहे हैं।
  • किस आईडी से एक इंसान से भी तेज गति (Inhuman Speed) से फॉर्म भरा जा रहा है (अक्सर इसके लिए अवैध सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है)।
  • एक ही समय पर कई जगह से लॉगिन करने की कोशिश।

जैसे ही सिस्टम को कोई गड़बड़ी दिखती है, वो उस आईडी को रेड फ्लैग कर देता है।

आम आदमी के लिए 'गुड न्यूज़'

इस सफाई अभियान का सबसे बड़ा फायदा मुझे और आपको, यानी आम यात्रियों को होगा।
जब अवैध आईडी ब्लॉक हो जाएंगी और ऑटोमेटिक सॉफ्टवेयर काम नहीं करेंगे, तो टिकट खिड़की खुलने पर दलाल सारी सीटें नहीं चुरा पाएंगे। इसका मतलब है कि जब आप अपने मोबाइल या लैपटॉप से टिकट बुक करेंगे, तो आपके कन्फर्म टिकट पाने के चांस काफी बढ़ जाएंगे। तत्काल के समय जो टिकट 1 मिनट में गायब होते थे, अब शायद 5-10 मिनट तक उपलब्ध रहें।

एक जरूरी सलाह आपके लिए

रेलवे के इस एक्शन का मतलब यह भी है कि अब नियमों का पालन करना जरुरी है।

  • अपनी IRCTC आईडी का इस्तेमाल सिर्फ़ अपने या अपने परिवार/दोस्तों की टिकट बुक करने के लिए करें।
  • इसे किसी अनजान व्यक्ति को न दें।
  • अगर आपका मोबाइल नंबर या ईमेल वेरीफाई नहीं है, तो उसे तुरंत कर लें, वरना आपकी सही आईडी भी रडार पर आ सकती है।

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