चित्रकूट,17 मई (हि.स.)। संस्कार भारती जिला इकाई चित्रकूट एवं उत्तर प्रदेश राज्य ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में ग्रीष्मकालीन चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ किया गया है। सेठ राधा कृष्ण पोद्दार इंटर कॉलेज सीतापुर में शुरु की गई कार्यशाला में प्रथम समूह में 10 वर्ष से 17 वर्ष तथा द्वितीय समूह में 18 वर्ष से 25 वर्ष तक के विद्यार्थी सहभागिता कर रहे हैं। बुधवार को कार्यशाला में पंजीकरण चल रहा है।
संस्कार भारती अध्यक्ष डॉ गोपाल मिश्र ने बताया कि कार्यशाला का उद्देश्य ग्रीष्मकालीन अवकाश में छात्रों के अंदर कला के प्रति छुपे उनके कौशल को ढूंढकर उसे परिष्कृत कर उन्हें कला की उपयोगिता बताते हुए विद्यार्थियों का कला के क्षेत्र में कौशल विकास एवं ज्ञान वर्धन करना है। कार्यशाला संस्कार भारती ने राज्य ललित कला अकादमी उप्र के सहयोग से पिछले पांच वर्षों से कर रहा है। सीतापुर चित्रकूट के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के छात्र उत्साह के साथ हिस्सा लेते हैं। विद्यार्थियों एवं परिजनों की मांग पर इस बार यह कार्यक्रम 16 मई से 15 जून तक शाम चार से छह बजे तक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को राज्य ललित कला अकादमी की ओर से प्रमाण पत्र मिलेंगे। कार्यशाला के समापन पर सभी विद्यार्थियों की बनाई पेंटिंग की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
कार्यशाला की मुख्य अतिथि जगदगुरू रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय की हिंदी विभाग की अध्यक्ष डॉ किरण त्रिपाठी ने कहा कि कला साहित्य और संगीत मानव जीवन के अमिट पक्ष हैं। इन्हें विकसित करने का अवसर देकर उत्कृष्ट मानव मूल्यों की स्थापना कर सकते हैं।
विशिष्ट अतिथि के बतौर दर्शन विभाग के अध्यक्ष डॉ हरीकांत मिश्र ने मानव जीवन दर्शन के अभिन्न अंग के रूप में कला की उपयोगिता बताई।
इस मौके पर महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के अध्यक्ष डॉ प्रसन्न पाटकर, डॉ अभय वर्मा, डॉ संध्या पांडे, डॉ ममता, लोक कला विधा प्रमुख चंदना मिश्रा, डॉ श्याम सिंह गौर, डॉ नीलम सिंह गौर समेत नगर के गणमान्य नागरिक व प्रतिभागी मौजूद रहे। संयोजक डॉ राकेश कुमार, सह-संयोजक डा चंदना मिश्रा रहीं। संचालन डॉ जयशंकर मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ रजनीश कुमार सिंह ने किया।