चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को निर्देश जारी किए हैं कि वह एक अप्रैन से अपने कार्यालय में रोजाना दो घंटे जनता दरबार लगाकर लोगों की समस्याएं सुनें और उनका समाधान करें।
इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बैठक के बाद आदेश जारी किए थे। हरियाणा सरकार ने बीती एक अप्रैल को आदेश जारी करके जिला अधिकारियों के लिए रोजाना एक घंटा जनता दरबार लगाना अनिवार्य किया था। इसके बावजूद प्रदेश के जिलों से लगातार यह शिकायतें आ रही थी कि कुछ अधिकारी जनता दरबार के नाम पर केवल औपचारिकता कर रहे हैं। जिला उपायुक्त अगर किसी आपात स्थिति में दफ्तर में उपलब्ध नहीं होता है तो उनकी अनुपस्थिति में कोई भी अधिकारी उपलब्ध नहीं होता है।
एक माह तक कार्यक्रम का फीडबैक लेने के बाद अब मुख्य सचिव ने शुक्रवार को अधिकारियों को नए सिरे से आदेश जारी किए हैं। जिसके अनुसार प्रदेश के सभी जिला उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को जारी आदेशों में कहा गया है कि वह रोजाना सुबह 11 बजे से लेकर दोपहर एक बजे तक अपने दफ्तर में बैठकर जनता की शिकायतें सुननी होंगी। इस अवधि के दौरान कोई भी बैठक, वीडियो कांफ्रेंस आदि नहीं रखी जाएगी।
जिला उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक के लिए अगर दफ्तर से बाहर जाना अनिवार्य है कि तो वह अपनी अनुपस्थिति में किसी अन्य अधिकारी को शिकायतें सुनने के लिए नामाजद करके जाएंगे। यही नहीं सभी अधिकारी मंगलवार को नो मीटिंग डे के रूप में रखेंगे। इस दिन केवल जनता से जुड़े कार्य ही किए जाएंगे।