By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
News India LiveNews India Live
  • देश
  • विदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • बिहार
  • झारखण्ड
  • मनोरंजन
  • व्यापार
  • खेल
  • हेल्थ &फिटनेस
  • धर्म
  • एजुकेशन
    • वायरल न्यूज़
Search
  • Advertise
© Copyright English News India Live 2022. All rights reserved. Designed & Maintained by LIVE Solutions
Reading: श्रावण 2022 : बिल्वपत्र तोड़कर महादेवी को अर्पित करने का यह है उचित अनुष्ठान
Notification
Latest News
लाल सिंह चड्ढा के खिलाफ प्रदर्शन, पुलिस ने लिया हिरासत में
August 13, 2022
जोश इतना चढ़ा कि गंगा बैराज पर मण्डलायुक्त ने लगाया अपने हाथ से तिरंगा
August 13, 2022
राष्ट्रीय लोक अदालत में 55230 वाद निस्तारित, 13 जोड़े एक साथ रहने को हुए तैयार
August 13, 2022
प्रतापगढ़ में स्वतंत्रता सप्ताह एवं हर घर तिरंगा अभियान बड़े ही धूमधाम से मनाया
August 13, 2022
आजादी का अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में तिरंगे की रोशनी में नहाए कानपुर मेट्रो के सभी स्टेशन और डिपो
August 13, 2022
Aa
News India LiveNews India Live
Aa
Search
  • देश
  • विदेश
  • उत्तर प्रदेश
  • बिहार
  • झारखण्ड
  • मनोरंजन
  • व्यापार
  • खेल
  • हेल्थ &फिटनेस
  • धर्म
  • एजुकेशन
    • वायरल न्यूज़
Follow US
  • Advertise
© Copyright English News India Live 2022. All rights reserved. Designed & Maintained by LIVE Solutions
धर्म

श्रावण 2022 : बिल्वपत्र तोड़कर महादेवी को अर्पित करने का यह है उचित अनुष्ठान

citycrimebranch
Published August 1, 2022
Last updated: 2022/08/01 at 9:28 PM
3 Min Read
SHARE

श्रावण 2022 : बिल्व पत्र भगवान शिव को सबसे अधिक प्रिय है। भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने से भी मन शांत होता है। सनातन धर्म में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और स्नेह की भावना सर्वोपरि है। इसलिए शास्त्रों में फूल के पत्तों को तोड़ने के कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है।

 भगवान भोलेनाथ हिंदू धर्म के सबसे लोकप्रिय देवताओं में से एक हैं। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है। इसमें व्रत की पूजा नियमानुसार की जाती है. जिसमें भगवान शिव को प्रिय वस्तु चढ़ाने का नियम है। भगवान शिव का पसंदीदा बेल पत्र है, जिसे संस्कृत में बिल्व पत्र भी कहा जाता है। भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाने से मन को शांति मिलती है। सनातन धर्म में प्रकृति के प्रति कृतज्ञता और स्नेह की भावना सर्वोपरि है। इसलिए शास्त्रों में फूल के पत्तों को तोड़ने के कुछ नियमों का उल्लेख किया गया है। आइए जानते हैं क्या है बेल के पत्तों को तोड़कर भगवान शिव को चढ़ाने की सही विधि।

 ऐसा माना जाता है कि बिल्वपत्र के पत्तों और जल से भगवान शंकर को शीतलता मिलती है। पूजा में इसका प्रयोग करने से वे शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं। भगवान शिव को बिल्व पत्र चढ़ाने और तोड़ने में कुछ नियमों का पालन करना होता है।

बिल तोड़ने के नियम

 

  • मान्यता के अनुसार चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि, संक्रांति और सोमवार को बिल्वपत्र नहीं तोड़ना चाहिए।
  • बिल्वपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है, इसलिए बिल्वपत्र के पत्ते चढ़ाना शुभ माना जाता है।
  • बेलपत्र के बारे में शास्त्रों में उल्लेख है कि यदि कोई नया बेलपत्र उपलब्ध न हो तो किसी और के द्वारा दिये गये बेल पत्र को धोकर कई बार प्रयोग में लाया जा सकता है।
  • शाम के बाद बेल के पत्तों से पेड़ को नहीं छूना चाहिए?
  • बेल के पत्तों को एक-एक करके शाखा से तोड़ा जाना चाहिए। पूरी शाखा क्षतिग्रस्त नहीं होनी चाहिए।
  • बेलपत्र को तोड़ने से पहले और तोड़ने के बाद उसे मानसिक रूप से प्रणाम करना चाहिए
citycrimebranch August 1, 2022
- Advertisement -
Ad imageAd image

You Might also Like

धर्म

3 दिन बाद सूर्य की तरह चमकेगा इन राशियों का भाग्य, जानिए आप लिस्ट में हैं या नहीं

August 13, 2022
धर्म

सूरत का एकमात्र तीन लिंगम शिव मंदिर राजराजेश्वर महादेव

August 13, 2022
धर्म

भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया सुखी जीवन के रहस्य

August 13, 2022
धर्म

फुलकजलि एक व्रत है जो कुंवारी कन्या को मनचाहा देता है वरदान

August 13, 2022

© 2022 News India Live . All Rights Reserved.

Removed from reading list

Undo
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?