अक्सर आपने देखा होगा कि पति-पत्नी एक ही थाली में खाना खाते हैं। हालांकि देखा जाता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के बीच प्यार बढ़ता है और रिश्ता मजबूत होता है, लेकिन धार्मिक शास्त्रों में इसे गलत माना गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि पति-पत्नी को कभी भी एक ही थाली में खाना नहीं खाना चाहिए। ऐसे में आइए ज्योतिषी राधाकांत वत्स से जानते हैं इसके पीछे का कारण।
क्या पति-पत्नी एक ही थाली में खाना नहीं खा सकते?
ज्योतिषशास्त्र में माना जाता है कि पति-पत्नी को एक ही थाली में खाना नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा इस बात का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। जब भीष्म अपने पितामह बानो की शय्या पर सो रहे थे तो उन्होंने पांडवों को ज्ञान देते समय दांपत्य जीवन से जुड़ी इस बात का वर्णन किया।
महाभारत में कहा गया है कि अगर पति-पत्नी एक ही थाली में खाना खाते हैं तो परिवार में विपत्ति आ जाती है। हालाँकि महाभारत में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पति और पत्नी को एक ही थाली में खाना खाने से बचना चाहिए, लेकिन साथ बैठकर खाना बिल्कुल ठीक है।
महाभारत में कहा गया है कि अगर पति-पत्नी एक साथ खाना खाते हैं तो इससे उनमें प्यार तो बढ़ता है लेकिन एक-दूसरे के प्रति लगाव ही रहता है और परिवार के अन्य सदस्यों के प्रति जिम्मेदारी कम हो जाती है, जबकि ज्योतिष में इसका कारण ग्रहों का प्रभाव बताया गया है।
दरअसल, ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि जब पति-पत्नी एक ही थाली में खाना खाते हैं तो राहु का बुरा असर दांपत्य जीवन पर पड़ने लगता है। राहु का अशुभ प्रभाव वैवाहिक जीवन की शांति को भंग कर देता है। रिश्ते में अलगाव आ जाता है और वैवाहिक जीवन में परेशानियां बढ़ने लगती हैं।