वैदिक पंचांग के अनुसार शनिदेव समय-समय पर अपनी चाल बदलते रहते हैं। जिसका असर धरती और मानव जीवन पर देखने को मिल रहा है। शनि 5 जून को अपनी राशि कुंभ में वापस आने जा रहे हैं। किसी भी ग्रह की तिरछी गति उसके प्रभाव को बढ़ाने के बराबर होती है। क्योंकि ग्रह वक्री अवस्था में विपरीत दिशा में चलता है। वहीं शनिदेव वक्री दिशा में 139 बार भ्रमण करेंगे। ऐसे में 3 राशि के जातकों के धन में अभूतपूर्व वृद्धि होने की संभावना है। आइए जानते हैं कौन सी हैं ये राशियां…
धन
शनि की वक्री गति आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकती है। क्योंकि शनि आपकी गचर कुंडली के तीसरे भाव में गोचर करेगा और यहां शनि बलवान होकर 12वें भाव का स्वामी भी है। इसलिए इस समय आपके साहस और पराक्रम में वृद्धि होगी। साथ ही विदेश में नौकरी करने वाले लोगों को भी अच्छा लाभ मिल सकता है। इससे कर्मचारियों को पदोन्नति के अवसर मिल सकते हैं। इतना ही नहीं वरिष्ठ अधिकारी भी आपको अपने काम के लिए प्रेरित करेंगे। साथ ही आप पैसे बचा सकते हैं।
तुला
वक्री तुला राशि के जातकों के लिए शनि अनुकूल साबित हो सकता है। क्योंकि शनि आपकी राशि से पंचम भाव में गोचर करने के बाद 139 दिनों तक इसी भाव में रहेगा। इसलिए इस दौरान आपको धन लाभ हो सकता है। इससे संतान की ओर से कोई शुभ समाचार मिल सकता है। वहीं दूसरी ओर जो लोग संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उनके लिए योग बनेंगे। साथ ही प्रेम जीवन में भी सफलता मिलेगी। साथ ही शनि आपकी गोचर कुंडली के चतुर्थ भाव का स्वामी है। तो इस समय आपको वाहन और संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है। वहीं जो लोग प्रॉपर्टी, जमीन-जायदाद और शनि का काम करते हैं, उनके लिए यह समय बेहतरीन साबित हो सकता है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती फायदेमंद साबित हो सकती है। क्योंकि शनि आपकी राशि से नवम भाव में गोचर कर रहा है और वह यहां 139 दिनों तक रहेगा। तो इस समय आप भाग्यशाली हो सकते हैं। आप विदेश दौरे पर भी जा सकते हैं। साथ ही आपकी मनोकामनाएं भी पूरी हो सकती हैं। नया काम शुरू करने के लिए यह सबसे अच्छा समय है। इस दौरान आपकी आर्थिक स्थिति काफी अच्छी रहेगी। आपका पैतृक धन भी बहुत अच्छा रहेगा। तीर्थ यात्रा की भी संभावना बन रही है, जो छात्र विदेश में पढ़ना चाहते हैं उनकी मनोकामना पूरी हो सकती है। पिता के साथ भी इस समय संबंध अच्छे रहेंगे।