Sarvartha Siddhi Yoga: क्या है सर्वार्थ सिद्धि योग, जानिए कब मिलता है शुभ फल देने वाला यह दुर्लभ योग

सर्वार्थ सिद्धि योग लाभ: वार और नक्षत्र के संयोग को सर्वार्थ सिद्धि योग कहते हैं। यह योग विशेष नक्षत्रों के योग से बनता है। जानिए कब शुभ और कब अशुभ फल देता है यह योग।

ज्योतिष शास्त्र में प्रत्येक योग का विशेष महत्व है। यदि कोई विशेष या शुभ मुहूर्त नहीं है तो इन योगों के साथ-साथ शुभ, शुभ या अमृत चौघड़िया रखकर कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। इन सभी योगों में सर्वार्थ सिद्धि योग को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। आइए जानते हैं कि सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है और कब यह शुभ और अशुभ फल देता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग क्या है?

वार और नक्षत्र के संयोग को सर्वार्थ सिद्धि योग कहते हैं। विशेष समय पर पड़ने वाले विशेष नक्षत्रों के योग से यह योग बनता है। सोमवार को रोहिणी, मृगशीरा, पुष्य, अनुराधा और श्रवण नक्षत्र हो तो प्रभाव अधिक होता है। यदि यह योग गुरुवार और शुक्रवार को बनता है तो इस दिन कोई भी तिथि हो यह योग नष्ट नहीं होता है, वहीं कुछ विशेष तिथियों पर यह योग बनने के बाद भी नष्ट हो जाता है।

 

सोमवार को रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा और श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है, जबकि द्वितीया और एकादशी तिथि को यह शुभ योग अशुभ में बदल जाता है। माना जाता है कि इस योग में किए गए सभी कार्य सफल होते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई नया व्यवसाय शुरू करना, किसी प्रकार की शिक्षा प्राप्त करना, नई नौकरी में जाना, घर के काम शुरू करना जैसे कार्य हो सकते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में किए गए सभी कार्य पूर्ण होते हैं और शुभ फलदायी भी होते हैं।

जब सर्वार्थ सिद्धि योग अशुभ हो जाता है

यदि द्वितीया या एकादशी के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा हो तो इसे शुभ नहीं माना जाता है। यदि यह योग मंगलवार और शनिवार को बन रहा हो तो इस योग में लोहा खरीदना अशुभ माना जाता है। सर्वार्थ सिद्धि योग में विवाह को उपयुक्त नहीं माना जाता है। इस योग में यात्रा करना और गृह प्रवेश करना भी अशुभ माना जाता है। गुरु-पुष्य योग से सर्वार्थ सिद्धि योग बनता है और यदि यह योग रोहणी नक्षत्र में हो तो शुभ नहीं माना जाता है।

कभी-कभी मई के महीने में सर्वार्थ सिद्धि योग भी होता है

साल 2023 में कुल 162 सर्वार्थ सिद्धि योग रहेंगे। इस योग का अधिकांश भाग जनवरी में बना है। यह योग जनवरी में 16 बार, अप्रैल में 6 बार बना था। मई माह में सर्वार्थ सिद्धि योग 3 मई, 12 मई, 16 मई, 18 मई, 20 मई, 22 मई, 25 मई और 29 मई को रहेगा। जबकि जून में यह योग 5 जून, 11 जून, 13 जून, 17 जून, 25 जून और 30 जून को रहेगा।

 

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