नई दिल्ली, 20 मई (हि.स.)। दिल्ली के रोहिणी कोर्ट ने नाबालिग बच्चों के अपहरण, रेप और उनकी हत्या के दोषी की सजा पर फैसला टाल दिया है। स्पेशल जज सुनील कुमार ने दोषी रविंद्र की सजा पर 25 मई को फैसला सुनाने का आदेश दिया।
कोर्ट ने ऐसे ही एक छह वर्षीय नाबालिग बच्ची के अपहरण, रेप और उसकी हत्या के आरोप में 6 मई को रविंद्र को दोषी करार दिया था। उस पर आरोप है कि साल 2008 से 2015 के बीच 30 बच्चों के साथ रेप और फिर उनकी हत्या को अंजाम दिया। रविंद्र छह वर्ष से बारह वर्ष की बच्चियों को शिकार बनाता था। दिल्ली पुलिस ने रविंद्र को 2015 में बाहरी दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ बेगमपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया था।
रविंद्र उत्तरप्रदेश के कासगंज का रहने वाला है। वो 18 वर्ष की उम्र में 2008 में नौकरी की तलाश में आया था। दिल्ली आने के बाद उसे नशे और पोर्न वीडियो देखने की लत लग गई। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि ड्रग्स लेने के बाद वो नाबालिग बच्चियों की शिकार में निकल जाता था। वो दिन में काम पर जाता था और रात को अपनी झुग्गी में सोने जाता था। ड्रग्स लेने के बाद वो अपनी झुग्गी से बच्चियों के शिकार में बाहर निकलता था। कई बार तो वो बच्चियों के शिकार में 40 किलोमीटर तक चला जाता था। आमतौर पर निर्माण स्थलों और स्लम इलाकों में जाता था। रविंद्र बच्चियों को चॉकलेट या दस रुपये का नोट दिखाकर फुसलाता था और उन्हें एकांत में ले जाकर घटना को अंजाम देता था।