राज्य में शराब से प्रतिदिन 10.85 करोड़ का राजस्व: शुक्लबैद्य

गुवाहाटी, 13 सितम्बर (हि.स.)। राज्य को शराब से रोजाना 10.85 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता है। आबकारी मंत्री परिमल शुक्लबैद्य ने आज सदन में कांग्रेस विधायक शिवमणि बोरा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।

मंत्री ने सदन को बताया कि आबकारी अधिनियम में संशोधन किया गया है। परिणामस्वरूप, शराब की दुकानों से सीधे उत्पाद शुल्क एकत्र नहीं किया जाता है। उत्पाद शुल्क और मूल्य वर्धित कर राज्य में थोक गोदाम, शराब निर्माण कारखानों और असम के बाहर से शराब खरीदते समय अग्रिम भुगतान करते हैं। यह आबकारी शुल्क के रूप में लगभग 6.90 करोड़ रुपये और मूल्य वर्धित कर (वैट) के रूप में 3.95 करोड़ रुपये है। इसका मतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में प्रतिदिन कुल 10.85 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ। विधायक शिवमणि बोरा के एक सवाल का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि असम में आईएमएफएल की औसत दैनिक बिक्री 306,772.577 बल्क लीटर (बीएल), बीयर 166,589.883 बीएल और देशी स्पिरिट 57,818.365 बीएल है।

आबकारी मंत्री ने कहा कि असम में अब तक 1,684 शराब की दुकानों और 896 बार को लाइसेंस दिया गया है। इस बीच, पड़ोसी राज्यों से शराब के अवैध आयात को रोकने के लिए राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों और नवगठित कस्बों, शहरी क्षेत्रों आदि में जिला आयुक्त के माध्यम से निविदा प्रक्रिया के माध्यम से नए आईएमएफएल ऑफ-शॉप लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्रों को छोड़कर ग्रामीण क्षेत्रों में कोई नया आईएमएफएल ऑन-शॉप (बार सह रेस्तरां) लाइसेंस नहीं होगा। मंत्री ने यह भी कहा कि आवेदन और आवश्यकता के अनुसार आबकारी विभाग की नीति के अनुसार शहरी क्षेत्रों में होटल, रेस्तरां को आईएमएफएल ऑन शॉप (बार वर्क रेस्तरां) लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।

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