भरतपुर : आरक्षण आंदोलन के कारण 12 दिन बाद भी मंगलवार को आगरा-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद रहा। माली, सैनी, शाक्य, मौर्य, कुशवाह समाज बारह प्रतिशत आरक्षण की मांग काे लेकर 21 अप्रैल से हलैना गांव में हाईवे जाम कर आंदाेलन कर रहा है। आंदोलन खत्म करने का फैसला मंगलवार काे हाेगा। आंदोलनकारियों के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की सोमवार काे राजस्थान राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के साथ दाे दाैर की वार्ता हुई। संयोजक मुरारीलाल सहित बदनसिंह, संदीप सैनी आदि नेताओं ने ओबीसी आयोग से हुई वार्ता काे संतोषजनक बताया है।
संयोजक मुरारीलाल ने कहा कि हम अपने मुद्दे पर आगे बढ़े हैं। किंतु आंदाेलन के भविष्य की घोषणा मंगलवार की सुबह बेरी स्थित जाम स्थल पर की जाएगी। जानकारों का कहना है कि संघर्ष समिति के नेता प्रदर्शनकारियों के मूड काे भांप कर निर्णय लेंगे। आंदाेलन की मध्यस्थता निभा रहे सीआई आरएस सांखला सहित अधिकांश का मानना है कि आंदाेलन मंगलवार की सुबह समाप्त हा़े सकता है। किंतु युवा प्रदर्शनकारी अभी भी आंदाेलन काे फाइनल निर्णय हाेने तक चलाने के लिए अडिग हैं। इसलिए ओबीसी आयोग से वार्ताकार संयोजक मुरारीलाल सहित अधिकांश नेताओं ने कहा कि मंगलवार की सुबह प्रदर्शनकारियों काे आयोग से हुई वार्ता से अवगत कराया जाएगा। लाेग जाे निर्णय लेंगे उस अनुसार ही आंदाेलन का रुख तय किया जाएगा। इधर, आंदाेलन स्थल पर प्रदर्शनकारी जमे हुए हैं। आंदोलन में अब संत समाज के लोग भी पहुंच रहे हैं। सोमवार को नागौर से संत कुशाल गिरि पहुंचे। जिन्होंने मृतक मोहन सैनी के परिवार को 5100 रुपए की सहायता की। आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंनें एकजुट होकर अपना हक मांगने की बात कही।
बताया जा रहा है कि पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव रतनलाल अटल ने जिला कलेक्टराें काे पत्र लिखकर 10 दिन में परीक्षण रिपोर्ट भेजने काे कहा है। इसमें माली, सैनी, शाक्य, मौर्य, कुशवाह समाज की सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक, जातिगत स्थितियों की जानकारी मांगी हैं। सोमवार काे प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के पहले दाैर में एक माह का समय तय हुआ था, जिसे बाद में 10 दिन तय किया गया। संघर्ष समिति का दावा है कि प्रदेश में समाज की जनसंख्या 1.5 कराेड़ और भरतपुर में 4 लाख के करीब है।