वाराणसी, 29 नवम्बर (हि.स.)। “मां सती के 51 शक्तिपीठ एवं द्वादश ज्योतिर्लिंगों” के महासमागम में भाग लेने के लिए शुक्रवार शाम तक देश—विदेश के पुजारी, संत, महात्माओं सहित 350 प्रतिनिधि काशी पहुंचे। आयोजक संस्था सेंटर फॉर सनातन रिसर्च एवं ट्राइडेंट सेवा समिति ट्रस्ट के राष्ट्रीय महामंत्री लक्ष्मी शंकर शर्मा ने बताया कि नेपाल, बांग्लादेश, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा द्वादश ज्योतिर्लिंगों के मंदिर के पुजारी, संत, महात्मा काशी पहुंच चुके हैं। तिब्बत में स्थित शक्तिपीठ के लगभग 50 संत, महात्मा और पुजारी शनिवार को यहां पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि शनिवार को प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक महासमागम का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के पर्यटन मंत्री धर्मेंद्र लोधी, उत्तर प्रदेश के मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, रविंद्र जायसवाल की भी मौजूदगी रहेगी।
बताते चले धर्म नगरी काशी में 30 नवंबर व एक दिसंबर को मां सती के सभी 51 शक्तिपीठों व द्वादश ज्योतिर्लिंगों का समागम होगा। इसमें संपूर्ण भारतीय उपमहाद्वीप में स्थित मां की शक्तिपीठों के पीठाधीश्वर, ज्योतिर्लिंगों के अर्चक, व्यवस्थापक, संत-महंत, पुजारियों के अतिरिक्त अन्य प्रमुख देवी मंदिरों व शिव तीर्थों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। जहां-जहां मां सती के अंग, वस्त्र या आभूषण गिरे, वहां-वहां शक्तिपीठ अस्तित्व में आए। इसमें पाकिस्तान में एक, बांग्लादेश में सात, नेपाल में दो, श्रीलंका व तिब्बत में एक-एक कुल मिलाकर 13 शक्तिपीठ विदेश में हैं। महासमागम में वैष्णो देवी, नैमिषारण्य, मां विंध्यवासिनी, दतिया, कन्याकुमारी आदि प्रमुख मंदिरों से भी प्रतिनिधि आएंगे।