हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024: हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी की स्थिति पहले जितनी मजबूत नहीं मानी जा रही है. इसके अलावा बगावत भी बीजेपी पर भारी पड़ती दिख रही है. हिसार से लेकर महेंद्रगढ़ तक पार्टी को बड़े नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और मंत्री राम बिलास शर्मा ने भी अपनी उम्मीदवारी दाखिल कर दी है. पार्टी द्वारा उनकी उम्मीदवारी की घोषणा से पहले ही उन्होंने बुधवार (11 सितंबर) को अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इस दौरान उम्मीदवारी के दौरान दक्षिण हरियाणा के कई वरिष्ठ नेता उनके साथ मौजूद रहे। नामांकन के दौरान राव इंद्रजीत सिंह, पूर्व मंत्री ओमप्रकाश यादव और अटेली विधायक सीताराम यादव भी पहुंचे।
पार्टी की सूची जारी होने से पहले नामांकन दाखिल किया
इतना ही नहीं राव इंद्रजीत सिंह ने रामबिलास शर्मा की खुलकर तारीफ की और उन्हें महान नेता बताया और कहा कि बीजेपी उनके खून में है. माना जा रहा था कि राम विलास शर्मा के नामांकन के बाद उन्हें टिकट मिल सकता है, लेकिन बुधवार की रात जब सूची सामने आई तो उसमें राम विलास शर्मा का नाम नहीं था. उनकी जगह बीजेपी ने पूर्व जिला अध्यक्ष कंवर सिंह यादव को मैदान में उतारा है. केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने भी नामांकन के दौरान पार्टी के रवैये पर चिंता जताई और कहा कि धोखाधड़ी की सिर्फ एक शिकायत के आधार पर पार्टी द्वारा उन्हें नजरअंदाज करना गलत होगा.
रामबिलास शर्मा की बगावत बीजेपी को पड़ेगी भारी!
राव इंद्रजीत सिंह ने कहा, ‘किसी को भी वरिष्ठ नेता का अपमान करने का अधिकार नहीं है, चाहे उन्हें टिकट मिले या नहीं. एक शिकायत के आधार पर पार्टी कह रही है कि शर्मा के टिकट पर विचार किया जा रहा है. इस घाव पर नमक छिड़कने के अलावा कुछ नहीं. मेरा मानना है कि पार्टी को रामबिलास शर्मा का टिकट नहीं काटना चाहिए. लेकिन अगर ऐसा हुआ तो यह न केवल महेंद्रगढ़ बल्कि पूरे प्रदेश के लिए झटका होगा। बीजेपी तो शर्मा जी के खून में है. वह दशकों से पार्टी को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं।’
रामबिलास शर्मा का रसूख… कार्ड कटा तो लोग हैरान रह गये
इस प्रकार केंद्रीय मंत्री ने रामबिलास शर्मा का खुला समर्थन कर और उनके नामांकन के साथ अपना रुख स्पष्ट कर दिया। इससे समझा जा सकता है कि रामबिलास शर्मा ने भले ही बगावत कर अपनी उम्मीदवारी दाखिल कर दी है, लेकिन एक बड़ा वर्ग उनके साथ जा सकता है. इससे बीजेपी में तोड़फोड़ हो सकती है. रामबिलास शर्मा की भी ब्राह्मणों के बीच अच्छी प्रतिष्ठा है और उनके टिकट कटने का असर जरूर पड़ेगा. दक्षिण हरियाणा यानी गुरुग्राम और रेवाड़ी बेल्ट में यादवों के अलावा ब्राह्मणों की भी अच्छी संख्या है. वहीं सांसद धर्मबीर सिंह ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि रामबिलास शर्मा को टिकट के लिए इंतजार करना पड़ेगा. उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि बीजेपी हरियाणा में मजबूत हुई.
रामबिलास शर्मा के खिलाफ क्या थी शिकायत?
दरअसल, एक स्थानीय महिला ने रामबिलास शर्मा समेत 8 लोगों पर उसके पति से करोड़ों रुपये लूटने का आरोप लगाया है. उनकी संपत्ति जब्त करने का भी प्रयास किया गया. पहले तो उन्होंने अपने पति के पैसों से राजनीति की और बाद में उन्हें घर से भगा दिया. इतना ही नहीं उन पर अपने बेटे को पॉक्सो एक्ट में फंसाने का भी आरोप है. रामबिलास शर्मा ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया.