भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल को 12 महीने के लिए भंग कर दिया है। साथ ही, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त किया गया है। प्रशासक को सहायता देने के लिए SBI के पूर्व महाप्रबंधक रवींद्र सपरा और अभिजीत देशमुख की एक सलाहकार समिति भी बनाई गई है।
RBI का बयान
RBI ने बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 56 और 36 एएए के तहत यह कार्रवाई की है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि यह कदम बैंक के खराब वित्तीय प्रबंधन को देखते हुए उठाया गया है।
बैंक पर लगे प्रतिबंध
RBI ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए हैं, जिनमें शामिल हैं:
✅ ग्राहक अपने खाते से पैसे नहीं निकाल सकेंगे।
✅ बैंक नया कर्ज नहीं दे सकेगा और पहले से दिए गए कर्ज का नवीनीकरण भी नहीं कर सकेगा।
✅ बैंक कोई नया निवेश नहीं कर सकेगा और नई जमा राशि स्वीकार नहीं कर सकेगा।
✅ हालांकि, बैंक कर्मचारियों के वेतन, किराए और बिजली बिल जैसी आवश्यक मदों पर खर्च कर सकेगा।
✅ जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि का दावा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से करने की अनुमति होगी।
बैंक की वित्तीय स्थिति
🔻 वित्त वर्ष 2024 में बैंक को 22.77 करोड़ रुपये का घाटा हुआ, हालांकि वित्त वर्ष 2023 में यह घाटा 30.74 करोड़ रुपये था।
🔻 मार्च 2024 तक बैंक का कुल अग्रिम (लोन) 11.66% घटकर 1,174.84 करोड़ रुपये रह गया, जो मार्च 2023 में 1,330 करोड़ रुपये था।
🔻 वहीं, बैंक की जमा राशि 1.26% बढ़कर 2,436.37 करोड़ रुपये हो गई, जो मार्च 2023 में 2,405.86 करोड़ रुपये थी।
ग्राहकों में बढ़ी चिंता
RBI के फैसले के बाद बैंक की शाखाओं पर ग्राहकों की भारी भीड़ देखी गई। लोग अपनी जमा राशि की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। हालांकि, RBI ने जमाकर्ताओं को भरोसा दिलाया है कि उनकी पात्र राशि DICGC के तहत सुरक्षित है।
क्या होगा आगे?
RBI की ओर से नियुक्त प्रशासक बैंक के संचालन की समीक्षा करेंगे और बैंक की वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे। यदि बैंक की स्थिति में सुधार नहीं होता, तो RBI आगे और कड़े फैसले ले सकता है।