
रांची। राजधानी रांची में लंबे समय से बहुप्रतीक्षित और यातायात जाम से राहत दिलाने वाले रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन अब तीन जुलाई को किया जाएगा। पहले इसका उद्घाटन 19 जून को प्रस्तावित था, लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने तकनीकी और अन्य कारणों से इसे स्थगित कर नई तिथि घोषित की है। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय से जारी आदेश में इस नई तारीख की पुष्टि की गई है।
एनएच-75 पर 3.57 किलोमीटर लंबा यह एलिवेटेड कॉरिडोर नागाबाबा खटाल से हेहल पोस्ट ऑफिस और पिस्का मोड़ से इटकी रोड तक, कुल 101 पिलरों के साथ निर्मित किया गया है। नवंबर 2022 में शुरू हुए इस निर्माण कार्य में कुछ तकनीकी दिक्कतों और भूमि अधिग्रहण में आई देरी के कारण लगभग चार महीने का विलंब हुआ। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की कुल लागत 400 करोड़ रुपये बताई गई है। इस फ्लाईओवर के पूरा होने से हरमू रोड, पंडरा, मांडर, गुमला जैसे क्षेत्रों से आने-जाने वाले लाखों लोगों को भारी ट्रैफिक जाम से बड़ी निजात मिलेगी।
इस फ्लाईओवर के निर्माण के नीचे के क्षेत्र को सुंदर बनाने की भी योजना है, जिसमें सौंदर्यीकरण, स्ट्रीट लाइटिंग की व्यवस्था, पौधारोपण और खेल के मैदानों का विकास शामिल है। इससे न केवल यातायात की सुगमता बढ़ेगी, बल्कि क्षेत्र की सुंदरता और उपयोगिता में भी वृद्धि होगी। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस फ्लाईओवर के चालू होने से कचहरी से पंडरा तक की यात्रा केवल चार मिनट में पूरी हो सकेगी, जो रांची की यातायात व्यवस्था में एक अभूतपूर्व बदलाव लाएगा।
झारखंड सरकार और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय की यह एक संयुक्त परियोजना है, जिसे रांचीवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है। यह फ्लाईओवर न केवल लोगों के कीमती समय की बचत करेगा, बल्कि ईंधन की खपत और वायु प्रदूषण को कम करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। सरकार ने इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए सभी संबंधित विभागों और हितधारकों के साथ निरंतर समन्वय बनाए रखा। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारीयों और जन प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है।
फ्लाईओवर के नामकरण पर चल रही बहस:
इस बीच, फ्लाईओवर के नाम को लेकर राजनीतिक दल और सामाजिक संगठन अपनी-अपनी मांगें रख रहे हैं। सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस ने इस फ्लाईओवर का नाम “दिशोम गुरु” शिबू सोरेन के नाम पर रखने की पुरजोर वकालत की है। झामुमो के प्रवक्ता विनोद पांडेय और कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप का मानना है कि शिबू सोरेन के झारखंड आंदोलन में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने के लिए यह एक उपयुक्त कदम होगा, जो न केवल उन्हें सम्मान देगा बल्कि राज्य की 3.5 करोड़ जनता की भावनाओं का भी प्रतिनिधित्व करेगा।
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस फ्लाईओवर का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखने की मांग की है। रांची के विधायक सीपी सिंह ने कहा है कि केंद्रीय योजना के तहत बने इस फ्लाईओवर का नामकरण एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत होना चाहिए और इसमें राजनीति को हावी नहीं होने देना चाहिए।
कई सामाजिक संगठनों के साथ-साथ झारखंड आंदोलन से जुड़े रहे हिमांशु कुमार ने भी फ्लाईओवर का नामकरण विनोद बिहारी महतो के नाम पर करने की मांग उठाई है। इसी क्रम में, आजसू पार्टी के पूर्व विधायक डॉ. लंबोदर महतो ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को एक पत्र लिखकर कहा है कि विनोद बिहारी महतो ने झारखंड की पहचान और ‘पढ़ो और लड़ो’ की भावना को प्रोत्साहित किया था, ऐसे में फ्लाईओवर का नामकरण उनके नाम पर किया जाना अत्यंत उपयुक्त होगा।