राजस्थान हाईकोर्ट : सात साल से जेल में बंद गैंगस्टर आनंदपाल के भाई को मिली जमानत

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जोधपुर, 23 नवम्बर (हि.स.)। गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के भाई रूपेंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की को राजस्थान हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राजस्थान हाईकोर्ट ने रूपेंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की को पुलिस थानाधिकारी पर फायरिंग के मामले में जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और 25-25 हजार रुपए की दो जमानतों पर रुपेंद्रपाल सिंह को रिहा करने के आदेश दिए हैं।

रूपेंद्र पाल को 2016 में डीडवाना जिले के जसवंतगढ़ थाने में दर्ज मामले में जमानत दी गई। इस मामले में आरोप है कि आनंदपाल सिंह और उसके साथियों ने सांवराद गांव में जसवंतगढ़ थानाधिकारी लादू सिंह पर फायरिंग की थी। इसमें वे घायल हो गए थे। इस मामले में आनंदपाल सिंह के भाई रूपेंद्र पाल सिंह को भी आरोपी बनाया गया था। इस मामले में रुपेंद्र पाल सिंह पर हत्या का प्रयास, आम्र्स एक्ट और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने सहित अनेक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। मामले में रूपेंद्र पाल सिंह पिछले 7 सालों से जेल में बंद था। मामले को लेकर डीडवाना कोर्ट में कई बार जमानत की अपील लगाई गई, लेकिन कोर्ट ने खारिज कर दी। उसके बाद रूपेंद्र पाल सिंह ने हाईकोर्ट में अपील की। इसके तहत जस्टिस कुलदीप माथुर ने रूपेंद्र पाल सिंह की जमानत याचिका को मंजूर कर आदेश जारी कर दिए। हाईकोर्ट ने 50 हजार के निजी मुचलके और 25-25 हजार रुपए की दो जमानतों पर रूपेंद्र पाल सिंह को रिहा करने के आदेश दिए हैं। इस मामले में रूपेंद्र पाल की ओर से एडवोकेट चेतनसिंह मामरोली ने पैरवी की।

दर्जनों मुकदमे दर्ज, बाहर आना मुश्किल

उल्लेखनीय है कि रूपेंद्र पाल सिंह उर्फ विक्की गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का छोटा भाई है। रुपेंद्रपाल सिंह जेल से बाहर आएगा या नहीं? इस पर अभी संशय है। उस पर अनेक गंभीर अपराधों के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। उस पर भी डीडवाना, लाडनूं, जसवंतगढ़, सरदारशहर सहित विभिन्न जिलों के अनेक पुलिस थानों में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या का प्रयास, मारपीट, अपहरण, आम्र्स एक्ट सहित विभिन्न धाराओं के अंतर्गत मामले चल रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पुलिस उसे जमानत मिलते ही अन्य मामलों में वापस गिरफ्तार कर लेगी। इससे उसका जेल से बाहर आना मुश्किल नजर आ रहा है।