नई दिल्ली: प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया ने एक रिपोर्टर को गिरफ्तार करने और उसे पत्रकारिता की ड्यूटी करने से रोकने के लिए पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है. यह सच है कि टीवी पत्रकार भावना किशोर और दो अन्य व्यक्तियों को पंजाब पुलिस ने 5 मई को उनके वाहन से एक महिला का हाथ घायल होने के बाद गिरफ्तार किया था। हालांकि, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने 7 मई को भावना किशोर को अंतरिम जमानत दे दी और उन्हें लुधियाना जेल से रिहा कर दिया।
इस घटना को लेकर प्रेस काउंसिल की चेयरपर्सन रंजना प्रकाश देसाई ने पंजाब सरकार के मुख्य सचिव, सचिव गृह और डीजी पंजाब को नोटिस भेजकर दो हफ्ते में रिपोर्ट देने का आदेश दिया है.
इस घटना पर चिंता जताते हुए रंजना प्रकाश देसाई ने कहा कि यह घटना प्रेस की आजादी का गला घोंटती है और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की जिम्मेदारी है कि वह इस आजादी को बनाए रखे. साथ ही उस नोटिस में कहा कि पंजाब पुलिस के कदमों के खिलाफ घटना का स्वत: ही हम संज्ञान ले रहे हैं.
यह सर्वविदित है कि प्रेस परिषद के पास अर्ध-न्यायिक प्राधिकरण है।
भावना किशोर वीडियो पत्रकार मृत्युंजय कुमार और कार चालक परमिंदर सिंह पर अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति (महानगरों की रोकथाम) अधिनियम के तहत कथित रूप से जाति संबंधी टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया था।