बिहार में बनने वाला ग्रीनफील्ड कॉरिडोर राज्य के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेगा। इस परियोजना से न केवल यातायात व्यवस्था में सुधार होगा, बल्कि आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी। आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे बिहार के कई प्रमुख शहरों को जोड़ा जाएगा।
आमस-दरभंगा राजमार्ग का निर्माण: लागत और महत्व
बिहार में आमस-दरभंगा राजमार्ग का चौड़ीकरण किया जा रहा है, जिसकी लागत 1082 करोड़ रुपये है। राष्ट्रीय राजमार्ग-119 डी (NH-119 D) को रामनगर से कच्ची दरगाह तक छह लेन का एक्सेस-कंट्रोल्ड ग्रीनफील्ड कॉरिडोर बनाया जा रहा है। इसके निर्माण से मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्ग-31 (NH-31) को चौड़ा किया जाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इस परियोजना की जानकारी साझा की है। इस परियोजना से बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच कनेक्टिविटी में सुधार होगा और लोगों को यात्रा में काफी राहत मिलेगी।
आमस-दरभंगा राजमार्ग: भारतमाला परियोजना के तहत तेजी से निर्माण
भारतमाला परियोजना के तहत आमस-दरभंगा राजमार्ग का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इसके पूरा होने से इस क्षेत्र में यातायात और आर्थिक गतिविधियों में बड़ा बदलाव आएगा। यह परियोजना रामनगर से कच्ची दरगाह तक छह लेन का एक्सप्रेसवे तैयार करेगी, जिससे बिहार के महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक केंद्रों को एक नया प्रोत्साहन मिलेगा।
बिहार में सात जिलों को जोड़ेगा यह एक्सप्रेसवे
आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे बिहार के सात जिलों और 19 शहरों को जोड़ेगा। इसमें प्रमुख रूप से गया, औरंगाबाद, पटना और दरभंगा जैसे बड़े शहर शामिल होंगे।
इससे क्या होगा फायदा?
- पटना से दरभंगा की यात्रा का समय चार घंटे कम होगा।
- उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच कनेक्टिविटी सुधरेगी।
- व्यापार, उद्योग और परिवहन व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
- पर्यटन और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
झारखंड और बंगाल से बेहतर होगी बिहार की कनेक्टिविटी
इस परियोजना से झारखंड और पश्चिम बंगाल के बीच की कनेक्टिविटी बेहतर होगी। यह कॉरिडोर आमस-दरभंगा परियोजना-02, राष्ट्रीय राजमार्ग आर्थिक कॉरिडोर-02, नया एनएच-19 और एनएच-57 को सीधा जोड़ेगा।
कैसे होगा फायदा?
- माल ढुलाई तेज होगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
- बिहार, झारखंड और बंगाल के बीच लंबी दूरी की यात्रा आसान होगी।
- गाड़ियों की आवाजाही के लिए एक सुगम मार्ग मिलेगा, जिससे ट्रैफिक की समस्या कम होगी।
परियोजना की गति और निर्माण कार्य
- इस परियोजना का निर्माण कार्य 2024 में शुरू हुआ।
- इसे पूरा करने के लिए जेसीबी, पोपलेन, ट्रैक्टर और हजारों कर्मचारी दिन-रात काम कर रहे हैं।
- इंजीनियर और निर्माण कंपनियों की निगरानी में सड़क निर्माण कार्य तेज गति से हो रहा है।
- इस सड़क के बनने के बाद शहरी क्षेत्रों में जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी।
एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे: सुरक्षा और सुविधा दोनों में सुधार
आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण एक्सेस-कंट्रोल्ड डिजाइन के अनुसार किया जा रहा है। यानी इस सड़क पर सीमित स्थानों से ही प्रवेश और निकास होगा। इससे सड़क पर अनावश्यक भीड़भाड़ नहीं होगी और दुर्घटनाओं की संभावना भी कम हो जाएगी।
189 किलोमीटर लंबी सड़क चार भागों में होगी पूरी
189 किलोमीटर लंबी इस सड़क की चौड़ाई लगभग 200 फीट होगी और इसके निर्माण में 5000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसे चार भागों में बांटा गया है:
- तीन भाग मेधा कंस्ट्रक्शन को सौंपे गए हैं।
- एक भाग रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन को दिया गया है।
परियोजना से जुड़े प्रमुख शहर और सड़कें
आमस-दरभंगा एक्सप्रेसवे कई प्रमुख सड़कों और शहरों को जोड़ेगा। शहरों और प्रमुख हाइवे के जंक्शन इस परियोजना का हिस्सा होंगे, जिससे बिहार में यातायात व्यवस्था आसान होगी।
महत्वपूर्ण स्थान जो इस एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे:
- आमस-औरंगाबाद NH-119 D
- लहेरियासराय-बहेड़ी मुख्य सड़क
- बहादुरपुर प्रखंड का देकुली मोड़
- NH-57, NH-322 और NH-119 D
फ्लाईओवर और महत्वपूर्ण जंक्शन
- इस परियोजना के तहत एम्स के लिए एक विशेष फ्लाईओवर बनाया जाएगा।
- एनएच-322 एकमी घाट के पास से शहर को जोड़ने के लिए विशेष संरचना तैयार की जा रही है।
- दरभंगा-बहेड़ी-रोसड़ा NH-527 I भी NH-119 D से जोड़ा जाएगा।
उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच बेहतर संपर्क
इस सड़क के निर्माण से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के लोगों के बीच यात्रा आसान होगी।
नए संपर्क मार्ग जो बनेंगे:
- आमस-दरभंगा एनएच पूर्णिया तक सीधे जुड़ेगा।
- एनएच-77 के जरिए हाजीपुर-मुजफ्फरपुर से सोनबरसा तक एक नई सड़क बनेगी।
- मधेपुरा और सहरसा तक का रास्ता आसान होगा।
- एनएच-80 भागलपुर और मुंगेर होते हुए झारखंड तक पहुंचेगा।